ईरान इजराइल के बीच टेंशन, महंगा होगा पेट्रोल?

अब दुनिया के उन सभी देशों को महंगे कच्चे तेल के लिए तैयार रहना होगा जो अपनी 80 फीसदी से ज्यादा जरूरतों के लिए इम्पोर्ट पर निर्भर हैं।

ईरान ओपेक का तीसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक है। अमेरिका ईरान के तेल पर भी प्रतिबंध लगा सकता है, जो एक बड़ा कदम होगा।

विशेषज्ञों की मानें तो इस तनाव के कारण कच्चे तेल की कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल के पार जा सकती है।

वहीं अमेरिकी कच्चे तेल की कीमत में बढ़ोतरी होगी और कीमत 95 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती है।

अगर भारत की बात करें तो सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत अपनी जरूरत का 85 फीसदी से ज्यादा तेल इम्पोर्ट करता है।

जिससे पेट्रोलियम कंपनियों की लागत बढ़ जाएगी। ऐसे में उन्हें पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाने पड़ेंगे।

अगर कच्चे तेल की कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल के पार चली गई तो भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमत में बढ़ोतरी हो सकती है।