संयुक्त राष्ट्र (UN) ने इस साल के शुरू में ही चिंता जाहिर की थी कि भारत समेत 240 करोड़ की आबादी पानी की किल्लत से जूझ रही है.

बेंगलुरु में लोग पानी की भीषण कमी का सामना कर रहे हैं. राज्य सरकार इसे लेकर बेहद चिंतित है.

सोमवार (18 मार्च) को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बताया कि शहर को पर डे 2,600 मिलियन लीटर (MLD) पानी की जरूरत है

आइए जानते हैं बेंगलुरु के बाद किन शहरों पर भीषण वॉटर क्राइसिस का खतरा मंडरा रहा है-

केप टाउन दक्षिण अफ्रीका की राजधानी केप टाउन में पहले से ही पानी की कमी है.

साल 2017 और 2018 में यहां खतरनाक वॉटर क्राइसिस की स्थिति देखी गई थी. उस वक्त यहां के वॉटर सप्लाई डैम में सिर्फ 14 फीसदी पानी रह गया था.

काहिरा मिस्त्र के 97 फीसदी पानी का स्त्रोत होने के बावजूद देश की राजधानी काहिरा पर पानी की कमी का खतरा है.

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के डेटा के अनुसार, वॉटर पॉल्यूशन की वजह से होने वाली मौतों की संख्या के मामले में मिस्त्र निम्न-मध्यम आय वाले देशों में प्रमुख स्थान पर है

जकार्ता इंडोनेशिया का जकार्ता शहर समुद्र के बढ़ते स्तर के खतरे का सामना कर रहा है. यहां की एक करोड़ आबादी का आधा हिस्सा पाइप वॉटर का इस्तेमाल करता है

मेलबर्न एक दशक के लंबे समय तक पानी के सूखे का सामना करने के बाद ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न शहर पर अब पेड़ों की कटाई का खतरा है.

इस्तांबुल पानी की किल्लत वाले शहरों में एक नाम तुर्किए के इस्तांबुल शहर का भी ही. सरकार के आंकड़े बताते हैं कि इस्तांबुल में 2016 में प्रति व्यक्ति पानी की आपूर्ति घटकर 1,700 क्यूबिक मीटर रह गई थी.