तवायफ बनने का बाद करने पड़ते है ये बलिदान!
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वैश्याओं का जीवन चकाचौंध से भरा हुआ कहा जाता है, जहां गीत-संगीत को बढ़ावा दिया जाता था।
वैश्याओं के जीवन का रंग-बिरंगा पहलू तो दिखता है, लेकिन पर्दे के पीछे की कहानी कुछ और ही होती है।
चमचमाती महफिल सजाते हुए वेश्याओं को वेश्यालय में अपने जीवन में 5 तरह के त्याग करने पड़ते हैं।
वेश्या को पहला त्याग तब करना पड़ता था, जब उसे वेश्यालय में लाया जाता था। उसे अपने परिवार का नाम और पहचान त्यागनी पड़ता था।
दूसरा त्याग यह था कि मशहूर वेश्या बनने के लिए उसे घंटों अभ्यास करना पड़ता था, जो मासिक धर्म के दिनों में भी नहीं रुकता था।
जीवन का सबसे दर्दनाक त्याग वेश्या को तब करना पड़ता था, जब वह गर्भवती हो जाती थी। उसे बच्चे का गर्भपात कराना पड़ता था।
अगर बच्चा होता भी था, तो वेश्या को उसे खुद से दूर रखना पड़ता था। हर वेश्या का जीवन एक जैसा नहीं होता था।
पांचवां त्याग प्रेम को अपने जीवन से दूर रखना था। वेश्यालय में आने के बाद वेश्या किसी से प्रेम संबंध नहीं रख सकती थी।