Corona Virus ने दुनिया को डरा कर रख दिया था, इस महामारी में न जाने कितनी मौतें हुईं, सभी को डर था कि इसके बाद कोई नई महामारी न आ जाए
सवाल अभी भी उठाया जाता है कि अगर पहले ही मामले में समय रहते जागरुकता फैलाई जाती तो इस महामारी को रोका जा सकता था, कोरोना महामारी के बाद ग्लोबल डेटाबेस बनाने की चर्चा छिड़ गई
अब बिमारियों का ग्लोबल डेटाबेस बन रहा है, जिससे बड़े पैमाने पर जागरुकता फैलाई जा रही है
इसका एक फ्रेश एग्जाम्पल कंबोडिया से है, यहां 9 साल के बच्चे की मौत के बाद इस बीमारी पर 24 घंटे के अंदर ही रोकने की कोशिश की गई, आइए जानते हैं क्या हुआ था...
कंबोडिया में इसी साल के फरवरी महीने में 9 साल के विरुन रोएर्न की मौत हो गई, बीमारी का पता लगाने की कोशिशें शुरू हो गईं, डॉक्टर लूच को लगा कि ये एवियन फ्लू हो सकता है
लेकिन जांच हुई तो पता चला कि विरुन रोएर्न के परिवार ने कुछ दिन पहले ही मरे हुए मुर्गे को खाया था, जिससे विरुन को H5N1 हो गया था
पूरी दुनिया को अलर्ट करने के लिए 24 घंटे के अंदर ही बीमारी के जुड़े डेटाबेस को तैयार किया गया और रिपोर्ट को अपलोड कर दिया गया
जिसके बाद WHO अलर्ट हो गया, इस मामले में बीमारी की जल्दी पहचान की गई,अब सिर्फ कंबोडिया ही नहीं हर देश में ग्लोबल डेटाबेस को मजबूत कर रहे हैं, जिससे डेटाबेस स्ट्रॉन्ग बन सके