एक व्यक्ति ने प्रेमानंद जी महाराज से पूछा कि आज के समय में लोग असमय दुर्घटनाओं में मर जाते हैं।
इस सवाल का जवाब देते हुए प्रेमानंद जी ने कहा कि अकाल मृत्यु तभी होती है जब कोई गंभीर अपराध किया गया हो।
जिसमें लड़कियों को कूड़ेदान में फेंक दिया गया, नवजात शिशुओं की हत्या कर दी गई, भ्रूण की हत्या कर दी गई।
किसी कन्या की हत्या, किसी सोये हुए व्यक्ति की हत्या, गुरुजनों का किसी भी प्रकार से अपमान एवं अनादर करना।
कई ऐसे पाप होते हैं जो हमारी आयु को तुरंत नष्ट कर देते हैं और अकाल मृत्यु का कारण बनते हैं।
प्रेमानंद जी ने आगे बताया कि मृत्यु का समय आपके कर्मों का फल है।
प्रेमानंद जी ने कहा कि एक बात तो यह है कि असामयिक मृत्यु की स्थिति में व्यक्ति की अपनी बुद्धि ही उसके विनाश का कारण बन जाती है।
जैसे आपकी खुद की बुद्धि ऐसी हो जाएगी कि आप खुद जहर खा लेंगे, आप कूदकर आत्महत्या कर लेंगे।