India News(इंडिया न्यूज़)Delhi, Delhi HC: दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली विधानसभा से सात बीजेपी विधायकों के अनिश्चितकालीन निलंबन को रद्द कर दिया है। विधायकों की याचिका पर 27 फरवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया गया था। इन विधायकों पर उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के अभिभाषण को बाधित करने का आरोप था।
आम आदमी पार्टी के विधायक दिलीप पांडे ने उनके खिलाफ निलंबन का प्रस्ताव दिया था, जो पारित हो गया. वहीं, स्पीकर रामनिवास गोयल ने विधायकों द्वारा बाधा डालने का मामला विशेषाधिकार समिति को सौंप दिया था।
जिन बीजेपी विधायकों को निलंबित किया गया है उनमें मोहन सिंह बिष्ट, विजेंद्र गुप्ता, अनिल वाजपेई, जितेंद्र महाजन, अभय वर्मा, ओपी वर्मा और अजय महावर शामिल हैं।
हाई कोर्ट के जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने आदेश देते हुए कहा कि रिट याचिकाएं स्वीकार की जाती हैं. वहीं, विधायकों की ओर से कोर्ट में दलील दी गई कि मामले में विशेषाधिकार समिति की कार्यवाही पूरी होने तक उनका निलंबन नियमों का उल्लंघन है. जबकि विधानसभा अधिकारियों का तर्क था कि विधायकों का निलंबन उचित है.
दरअसल, 15 फरवरी को दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र के शुरुआती दिन उपराज्यपाल वीके सक्सेना के अभिभाषण के दौरान कथित तौर पर व्यवधान डालने के आरोप में सदन में एक प्रस्ताव पारित कर आठ में से सात भाजपा विधायकों को निलंबित कर दिया गया था। इनमें मोहन सिंह बिष्ट, अजय महावर, ओपी शर्मा, अभय वर्मा, अनिल वाजपेई, जीतेंद्र महाजन और विजेंद्र गुप्ता शामिल हैं। स्पीकर के आदेश के खिलाफ बीजेपी विधायकों ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. इस पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने स्पीकर के आदेश को रद्द कर दिया और सभी विधायकों की सदस्यता बहाल करने का आदेश दिया।