India News(इंडिया न्यूज़), Brijbhushan Singh: दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को यौन उत्पीड़न मामले में भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप तय करने पर नए सिरे से बहस शुरू की। मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) प्रियंका राजपूत ने दिल्ली पुलिस की दलीलें सुनने के बाद मामले को आगे की बहस के लिए 6 जनवरी, 2024 को सूचीबद्ध किया। मामला छह महिला पहलवानों द्वारा दायर छह शिकायतों के आधार पर दर्ज किया गया था। दिल्ली पुलिस पहले ही बीजेपी सांसद सिंह के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है।
सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस के वकील अतुल श्रीवास्तव ने कोर्ट को मामले में दर्ज एफआईआर और आरोपियों के बयानों के बारे में बताया। उन्होंने दलील दी कि भारत और दिल्ली में महिला पहलवानों के साथ यौन उत्पीड़न की घटनाएं हुई हैं। अतुल श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया, ‘बृज भूषण ने एक पहलवान से पूछा कि मैं धोती और कुर्ता में कैसा दिखता हूं? क्या ये सवाल किसी लड़की से पूछा जाना चाहिए? अतुल श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया, ‘एक बयान के मुताबिक, बृजभूषण ने कहा था- अगर मैं किसी का करियर बना सकता हूं तो बिगाड़ भी सकता हूं। उन्होंने तर्क दिया कि यह आईपीसी की धारा 506 के तहत आपराधिक धमकी का मामला बनता है।
अतुल श्रीवास्तव ने शिकायतकर्ता के बयान का हवाला देते हुए कहा कि बृजभूषण कहते थे, ‘अगर भविष्य में कुश्ती खेलना है तो चुप रहना होगा। बृजभूषण द्वारा एक पहलवान को गले लगाने और फिर यह दावा करने के आरोप का जिक्र करते हुए कि उन्होंने पिता तुल्य होने के नाते ऐसा किया, श्रीवास्तव ने कहा, “बुरे इरादे वाला हमेशा सतर्क रहता है, उसने यह स्पष्टीकरण क्यों दिया? सह-आरोपी विनोद तोमर के बारे में बात करते हुए अभियोजन पक्ष के वकील ने पहलवान की शिकायत का हवाला देते हुए कहा, ‘केवल लड़कियों को अंदर जाने की अनुमति थी। उनके कार्यालय के दरवाज़े बंद कर दिए गए थे और उन्होंने पुरुषों के प्रवेश पर रोक लगा दी थी। श्रीवास्तव ने कहा, ‘इससे मंशा का पता चलता है। लड़कियाँ अंदर थीं, इसलिए अन्य लड़कों को बाहर जाने के लिए कहा गया।
दिल्ली पुलिस ने 15 जून को छह बार के सांसद पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354 (किसी महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल), 354 ए (यौन उत्पीड़न), 354 डी (पीछा करना) के तहत मामला दर्ज किया। धारा 506 (आपराधिक धमकी) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत आरोप पत्र दायर किया गया था। 20 जुलाई को बृज भूषण शरण सिंह और निलंबित डब्ल्यूएफआई के अतिरिक्त सचिव विनोद तोमर को जमानत दे दी गई थी।
इसे भी पढ़े: