India News Delhi(इंडिया न्यूज़), Crime:: एक ग्वालियर निवासी ने इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय अपने पैन कार्ड के जरिए लिए गए जीएसटी नंबर की वजह से उनकी जिंदगी में उलझन आ गई। पता चला कि उसका पैन कार्ड का उपयोग एक फर्जी फर्म के लिए हुआ था जो दिल्ली में खोला गया था। इस फर्म ने 9 करोड़ से अधिक का धोखाधड़ीबाज़ी का आरोप उठाया था। जब यह वाक्युत पति को पता चला, तो वह दिल्ली आकर इस मामले की जांच के लिए पुलिस के पास शिकायत दर्ज करवाने गए हैं।
ग्वालियर के निवासी चंदन सोनी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है कि उनके पैन कार्ड के जरिए बिना उनकी अनुमति के एक फर्जी फर्म ने जीएसटी नंबर लिया है। इस नंबर के उपयोग से एक और फर्म को गौतमपुरी के नाम पर रजिस्टर किया गया है, जो कि उनके नाम के खिलाफ है। चंदन ने कहा है कि उन्होंने कभी भी उस एड्रेस पर नहीं रहा और न ही किसी फर्म की रजिस्ट्रेशन कराई है।
ऑनलाइन पड़ताल के दौरान एक बड़ा खुलासा हुआ है कि इस फर्जी फर्म का एक साल का टर्नओवर 9 करोड़ 10 लाख 58 हजार 119 रुपये दिखाया गया है, जो कोविड-19 महामारी के दौरान हुआ था। इसके साथ ही, इस फर्म ने गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) का भी क्लेम किया गया है। इसके अतिरिक्त, कंपनी का आधार सत्यापन भी किया गया है, जिसमें पीड़ित के आधार कार्ड का दुरुपयोग किया गया है। शुरूआती जांच में पुलिस को पता चला है कि पीड़ित के नाम पर एक खाता यस बैंक में खोला गया है।
आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने एक नए मुकदमे को 6 मई को दर्ज किया है, जिसमें फर्जी कंपनी के माध्यम से जीएसटी क्लेम करके सरकार को होने वाले नुकसान की जांच की जाएगी। इस केस में और धाराओं को शामिल किया जा सकता है, और बैंकों को आधिकारिक पत्र भेजकर अकाउंट डिटेल्स जांची जाएगी। इसके बाद, आरोपियों के दिए गए एड्रेस और कॉल डिटेल्स के रिकॉर्ड भी खोजे जाएंगे। जीएसटी डिपार्टमेंट से भी विवरण मांगे जाएंगे, जो कि पूरे मामले को समझने में मदद करेंगे।
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