India News Delhi (इंडिया न्यूज), Crime: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने बड़े-बड़े ब्रांड के एक्सपायर हो चुके सामान को नकली मैन्युफैक्चरिंग डेट लगाकर बेचने वाले गैंग का खुलासा किया है। इसमें एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है, जिसका नाम अश्विनी कोहली (58) है। वह अंबाला कैंट, हरियाणा का रहने वाला है। आरोपी ब्रांड के खाने-पीने से लेकर बॉडी लोशन, परफ्यूम, शैंपू और अन्य एक्सपायर सामान को भिवंडी और पुणे के कबाड़ियों से खरीदकर दिल्ली लाते थे। उनके द्वारा डली मैन्युफैक्चरिंग डेट को हटा कर नई डेट लगाई जाती थी, फिर वह सामान बाजार में बेचा जाता था। इस तरीके से उन्हें मोटा मुनाफा होता था।
पुलिस ने आरोपियों के पास से करीब 40 लाख रुपये से अधिक कीमत का एक्सपायर हो चुका सामान बरामद किया है। इसमें कॉम्प्लान, हॉर्लिक्स, ग्लूकॉन-डी, शैंपू, परफ्यूम, बॉडी लोशन जैसे सामान शामिल हैं। वारदात में इस्तेमाल होने वाली लेजर प्रिंटिंग मशीन और कई बड़ी कंपनियों के स्टीकर और आरोपी का मोबाइल फोन भी बरामद किया गया है। पुलिस को कई आरोपियों की तलाश है।
अपराध शाखा के पुलिस उपायुक्त राकेश पावरिया ने बताया कि अपराध शाखा के साइबर सेल को खबर मिली थी। खबर के मुताबिक पता चला था कि कुछ लोग भारतीय व विदेशी ब्रांड के एक्सपायर हो चुके सामान का धंधा कर रहे हैं। गिरोह इन पर नई तारीख डालकर दोबारा से एक्सपायर हो चुके सामान को उतार रहे हैं। सूचना मिलने के बाद जांच के आदेश दिए गए।
फौरन ACP पवन कुमार, इंस्पेक्टर विवेकानंद व अन्यों की टीम का गठन किया गया। टीम को पता चला कि आरोपी ने वेस्ट मोती बाग और सराय रोहिल्ला इलाके में प्रिंटिग की मशीन लगाने के अलावा यहां गोदाम भी बनाया हुआ है। टीम ने दोनों जगह छापेमारी की। वहां से भारी मात्रा में सामान बरामद होने के अलावा लेजर प्रिंटिंग मशीन बरामद हुई।
पुलिस ने मौके से अश्विनी कोहली नामक आरोपी को दबोच लिया। आरोपी से पूछताछ के बाद पुलिस ने दिल्ली के नंगली पूना, स्वरूप नगर, सुभद्रा कॉलोनी, शास्त्री नगर व दूसरी जगहों पर छापेमारी कर वहां से भारी मात्रा में सामान बरामद किया गया। एक्सपायर हो चुके सामान को दिल्ली-एनसीआर में सप्लाई कर दिया जाता था।
कारोबार में घाटा होने के बाद अश्विनी कोहली ने ‘गोरखधंधा’ शुरू किया। पुलिस की पूछताछ में उसने बताया कि उसकी मुलाकात एक व्यक्ति से हुई थी, जिसका नाम आनंद था, और वह खाने-पीने के एक्सपायर सामान का कारोबार करता था। अश्विनी उस सामान पर नई तारीख डालकर मार्केट में बेचता था। लेकिन कारोबार में घाटा होने के बाद उस पर मोटा कर्जा था। उसकी आत्मविश्वास को हानि पहुंची थी। बातचीत के बाद अश्विनी ने अवैध धंधे में पैर रख दिए। उसने लेजर प्रिंटिंग मशीन खरीदने के साथ ही दूसरे राज्यों से भी एक्सपायर सामान खरीदना शुरू किया। उसने उस सामान की डेट को केमिकल की मदद से साफ कर, उस पर नई डेट या नया स्टीकर लगा कर मार्केट में बेचना शुरू किया।
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