India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Delhi Children Hospital Fire: 25 मई की रात को विवेक विहार में स्थित बेबी केयर न्यू बोर्न चाइल्ड हॉस्पिटल में हुए अग्निकांड की जांच का मामला दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग के ध्यान में आया है। पुलिस ने अस्पताल से लाइसेंस के लिए आवश्यक दस्तावेज़ मांगे हैं। इसके बाद डायरेक्टर जनरल ऑफ हेल्थ सर्विसेज के अधिकारियों को भी तलब किया जाएगा। सभी डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ से अपने सर्टिफिकेट जमा कराने की भी निर्देशिका जारी की गई है, ताकि उन्हें वेरिफाई किया जा सके।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, अस्पताल के मालिक डॉ. नवीन खिची और डॉ. आकाश से पूछताछ चल रही है। इसके अलावा, अस्पताल के यहां पैदा होने वाले नवजातों का ताता लगाने की प्रक्रिया पर भी पुलिस की नजर है। अस्पताल को 2021 से 2024 तक के लिए लाइसेंस जारी किया गया था, जिसमें सिर्फ 5 बच्चों की अनुमति थी, लेकिन अस्पताल इससे अधिक बच्चों को रख रहा था। इसके पीछे के कमिशन के खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है।
जांच में सामने आई कई गड़बड़ियों में से एक यह है कि अस्पताल के मालिक डॉ. नवीन खिची ने अपनी शिक्षा को लेकर गलत जानकारी दी। वह ने अपने आप को दिल्ली के एक मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस और एमडी डिग्रीधारी बताया, जबकि हादसे के समय उनकी जगह पर तैनात डॉ. अशोक बीएएमएस थे। इसके अलावा, उनकी पत्नी डॉ. जागृति भी एक डेंटिस्ट हैं।
पुलिस को अस्पताल के अन्य स्टाफ की शिक्षा संबंधी जानकारी पर भी संदेह है, इसलिए सभी स्टाफ से उनकी शिक्षा संबंधी दस्तावेज़ जमा कराने का निर्देश दिया गया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, डॉ. नवीन और डॉ. जागृति दोनों दिल्ली-एनसीआर में चार सेंटर चला रहे हैं, इसलिए पुलिस ने जागृति को भी जांच में शामिल होने का निर्देश दिया है।
पुलिस जांच में आग के उत्पन्न होने की वजह को अभी तक स्पष्ट नहीं कर पाई है, क्योंकि तफ्तीश में आग ग्राउंड फ्लोर से उठने का खुलासा हुआ है। इसके बावजूद, यह आग कैसे लगी यह अब तक स्पष्ट नहीं हुआ है। ऑक्सीजन सिलिंडर के ब्लास्ट होने से आग भड़क गई थी। आग 10:55 बजे शुरू हुई थी, जिसकी रिपोर्ट 11:29 बजे की गई थी। पुलिस वे कारण ढूंढ़ रही है जिसके कारण इस घटना में देरी हुई।
अस्पताल का लाइसेंस 31 मार्च को समाप्त हो चुका था, फिर भी यह कार्यान्वयन में था। पुलिस इस मामले के जिम्मेदार अफसरों के नाम के बारे में DGHS से पूछताछ करेगी, ताकि उन्हें जांच के लिए बुलाया जा सके। इसी दौरान, शाहदरा के डीएम ने भी मंगलवार को मौके का मुआयना किया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, ग्राउंड और फर्स्ट फ्लोर में हुए आग से सभी वस्तुएं धूली हो गई हैं। इस कारण से वहां से कोई भी दस्तावेज़ नहीं मिले हैं। इस परिस्थिति में, पुलिस अब DGHS में जमा हुए लाइसेंस के दस्तावेज़ों को अपने कब्जे में लेने की कोशिश कर रही है। आग ग्राउंड फ्लोर से ऊपर की ओर फैली थी। इसके परिणामस्वरूप, पहली मंजिल भी प्रभावित हो गई, जहां सभी बच्चे संशोधित थे। जांच से पता चला कि अस्पताल में नियुक्ति हेतु मालिक के अलावा 20 अन्य स्टाफ भी थे। पुलिस इन सभी व्यक्तियों से पूछताछ कर रही है। वह यह भी जानने की कोशिश कर रही है कि क्या स्टाफ की कमी थी या नहीं।
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