India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Delhi Children Hospital Fire: दिल्ली में 150 से अधिक छोटे-बड़े नर्सिंग होम और अस्पतालों के पास फायर विभाग की एनओसी नहीं है। यह चौंकाने वाला खुलासा विवेक विहार इलाके में स्थित बेबी केयर सेंटर में शनिवार को हुए दर्दनाक हादसे के बाद हुआ। इस हादसे के बाद जब अन्य अस्पतालों की जांच की गई, तो पता चला कि एनओसी के बिना ही ये संस्थान संचालित हो रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, कई अस्पताल अनधिकृत रिहायशी इलाकों में स्थित हैं और फायर विभाग के मानकों को पूरा नहीं करते। किसी भी मानक की कमी होने पर उस परिसर को आग से सुरक्षित नहीं माना जाता। वर्तमान में केवल 80 बड़े अस्पतालों को ही दमकल विभाग की एनओसी प्राप्त है, और इन अस्पतालों में आग से बचाव के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। इन अस्पतालों का समय-समय पर ऑडिट भी किया जाता है।
Delhi Children Hospital Fire: 2010 के बाद NOC है ज़रूरी
2010 के बाद बने निजी अस्पतालों को विभाग की NOC के बिना मान्यता नहीं दी जा सकती है। सरकारी अस्पतालों की कुछ इकाइयों या ब्लॉक को छोड़कर, सभी के पास फायर NOC है। जिन इमारतों या यूनिट्स में सुरक्षा मानकों की कमी है, उन्हें पूरा करने के लिए विभाग की ओर से निर्देश जारी किए जाते हैं और समय सीमा दी जाती है। इस निर्धारित समय के भीतर उन अस्पतालों को आवश्यक सुधार करने होते हैं।
जानिए नियम
दिल्ली अग्निशमन सेवा (DFS) के प्रमुख अतुल गर्ग ने बताया कि सभी बड़े सरकारी अस्पतालों का ऑडिट करने के बाद संबंधित एजेंसियों को कमियां दूर करने के निर्देश दिए जाते हैं। फायर विभाग के मानकों को पूरा नहीं करने वाले छोटे अस्पतालों और नर्सिंग होम का मामला फिलहाल न्यायालय में लंबित है। अदालत के निर्देशों के अनुसार ही यह तय किया जाएगा कि इन अस्पतालों को एनओसी देनी है या नहीं।
2010 से पहले, नौ मीटर से ऊंचे निजी अस्पतालों के लिए आग से बचाव के विशेष प्रावधान नहीं थे। 2010 में इन्हें दमकल विभाग के दायरे में लाया गया। इनमें से करीब 150 से अधिक छोटे नर्सिंग होम अनधिकृत और रिहायशी इलाकों में स्थित हैं, जिनका बिल्डिंग प्लान संबंधित विभाग से पास नहीं है। ऐसे अस्पतालों के लिए नियम तय करने की प्रक्रिया जारी है।
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