India News (इंडिया न्यूज़),Delhi News : आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक अमानतुल्लाह खान ने कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई है। दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को नोटिस भेजा है।
दरअसल, यह केस दिल्ली वक्फ बोर्ड में मनी लॉन्ड्रिंग केस से जुड़ा हुआ है। अदालत में विशेष जज राकेश स्याल ने ईडी को नोटिस जारी किया है और मामले को मंगलवार को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है। अग्रिम जमानत याचिका वकील रजत भारद्वाज की तरफ से दायर की गई थी।
वरिष्ठ वकील मेनका गुरुस्वामी ने अदालत से अग्रिम सुरक्षा देने की गुहार लगाई, हालांकि, अदालत ने राहत देने से इनकार किया है। गुरुस्वामी ने कहा कि अमानतुल्लाह खान को मनी लॉन्ड्रिंग केस में समन जारी किया गया था। उन्होंने अदालत से कहा कि यह मामला एक ही केस में 2 FIR से संबंधित है। पहली FIR 23 नवंबर, 2016 को CBI की तरफ से दायर की गई थी। आरोप है कि याचिकाकर्ता गलत तरीके से दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष बने थे।
एजेंसी ने इस मामले को बंद कर दिया और कहा कि यह मामला प्रशासनिक गड़बड़ियों का है लेकिन उन्होंने इसका इस्तेमाल दूसरे FIR को फाइल करने के लिए किया। वरिष्ठ वकील ने कहा कि कानून के मुताबिक, वो एक वजह के लिए 2 एफआईआर दर्ज नहीं कर सकते हैं। दो FIR के जरिए उन्होंने केस को फिर से शुरू करने की कोशिश की है। उन्होंने कोर्ट में यह भी कहा कि दोनों ही केसों में बेल ऑर्डर एक ही निष्कर्ष पर पहुंचे कि इससे कोष को कोई नुकसान नहीं हुआ था।
अमानतुल्लाह के वकील ने कोर्ट से कहा कि आरोप है कि संविदा पर रखे गए 33 कर्मचारियों की नियुक्ति में गड़बड़ी की गई। बेल ऑर्डर में यह भी नोटिस किया गया था कि कोई रिश्वत नहीं दिया गया, कोई रिकिवरी नहीं हुई थी। तो फिर अपराध होने का कोई सवाल नहीं उठता है। AAP विधायक के वकील ने दलीलें पेश करते हुए कहा, ‘प्रॉपर्टी को लीज पर देने के दो आऱोपों का यह निष्कर्ष निकला था कि राजकोष को कोई घाटा नहीं हुआ था और निष्कर्ष निकला था कि यह सब प्रशासनिक गड़बड़ियां हैं।