India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Delhi Crime: अलीपुर इलाके में एक भयानक घटना में, सोमवार दोपहर को गोगी गिरोह के अन्धाधुंध गोलीबारी में एक व्यक्ति की जान चली गई। मृतक का नाम 34 वर्षीय नरेंद्र मलिक था। वारदात के बाद, बदमाश फरार हो गए जबकि पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी के लिए कड़ी कार्रवाई शुरू की। नरेंद्र मलिक अलीपुर थाने का घोषित बदमाश था और गोगी गिरोह से जुड़ा हुआ था। उसके खिलाफ लूट और आर्म्स एक्ट के तीन मुकदमे दर्ज थे।
हम आपको बता दें कि जब यह घटना घाटी तो नरेंद्र अपने ओटो में था और स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज के पास अपने दोस्तों तरुण और अमित के साथ बात कर रहा था। अचानक, पांच युवकों ने नरेंद्र पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। अमित भाग गया, लेकिन नरेंद्र को 14 गोलियां लगीं। उस घटना में तरुण भी घायल हो गया, जिसे एक गोली लगी। इस हमले ने इलाके में हड़कंप मचा दिया। तुरंत स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी और घायलों को अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टर ने नरेंद्र की मृत्यु की घोषणा की। पुलिस ने घटनास्थल से पिस्टल और 15 कारतूस बरामद किए। डीसीपी और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच शुरू की।
पुलिस अधिकारी से सूचना मिली है कि नरेंद्र मलिक उसका छोटा भाई मोनू हत्या के मामले में जेल में बंद है। उसके ऊपर एक दोस्त को चाकू मारकर हत्या करने का आरोप है| यह घटना वर्ष 2020 की है। परिजनों ने पुलिस को बताते हुए कहा कि नरेंद्र की किसी से दुश्मनी नहीं थी। पुलिस अधिकारी ने बताया कि अभी तक वारदात के पीछे टिल्लू गिरोह के लोगों के हाथ होने की आशंका जताई जा रही है। हम आपको बता दें कि घटनास्थल के आसपास से IPDR और CDR का डाटा लिया जा रहा है। पुलिस ने इस मामले पर केस दर्ज किया है।
राजवती जो की नरेंद्र माँ है, उन्होंने पुलिस को बताया कि एक बजे नरेंद्र घर से ऑटो लेकर निकला था| एक घंटे के बाद ही उन्हें उसकी हत्या की जानकारी मिली। ममता (बहन) ने अपने साथी अमित पर हत्या करवाने का आरोप लगाया है, लेकिन पुलिस सभी आरोपों की जाँच कर रही है।
पुलिस ने बताया कि अलीपुर और नरेला में गोदाम और फैक्ट्रियों की बहुतायत है, जहाँ बड़ी संख्या में ट्रक, मिनी ट्रक और ऑटो का उपयोग होता है। नरेंद्र अपने संबंधजनकों की मदद से इन वाहनों को इन गोदामों और फैक्ट्रियों में लगाता था। इसी तरह, टिल्लू गिरोह के सदस्य भी इस व्यवसाय में शामिल थे। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि दोनों गिरोहों के सदस्य इस कारोबार से जुड़े थे, और हत्या के पीछे इसी वजह से कारोबारी रंजिश और गैंगवार की संभावना है।
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