Tuesday, July 2, 2024
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Delhi Electric Buses: यात्रियों के लिए कितनी सेफ हैं ई-बसें? DIMTS ने मांगी ऑडिट रिपोर्ट

India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Delhi Electric Buses: बीते साल, इलेक्ट्रिक बस में आग लगने के घटना के बाद, अब DTC के सभी 300 बसों का ऑडिट होगा। इन बसों की निगरानी का जिम्मा संभाल रही संस्था दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टीमॉडल ट्रांजिट सिस्टम (डिम्ट्स) ने बसों के संचालन कर रहे ऑपरेटर को आदेश जारी कर ऑडिट कराने और रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।

बीते साल, इन इलेक्ट्रिक बसों को सुरक्षित बताया गया था, लेकिन इसके बाद भी यहां आग लगने की घटना हुई। इससे बसों की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं। तापमान की बढ़ते हुए दबाव के मद्देनजर, डिम्ट्स के अधिकारियों ने सभी बसों का ऑडिट कराने का निर्णय लिया है। इस प्रक्रिया में बसों में लगी लीथियम बैटरी, वायरिंग, मोटर समेत करीब 20 से ज्यादा मानकों पर इनका परीक्षण किया जाएगा।

Delhi Electric Buses: सही तरीके से होगी जांच, जानिए प्रक्रिया

बसों का संचालन करने वाली फर्म ऑडिट रिपोर्ट को डिम्ट्स के अधिकारियों के पास भेजेगी। इस रिपोर्ट के आधार पर अधिकारी इन बसों के संचालन को सुचारू रखने या बदलाव किए जाने के संबंध में निर्णय लेंगे। डिम्ट्स के अधिकारियों का कहना है कि बसों को बनाने वाली कंपनी की ओर से इनकी आपूर्ति के समय ऐसी रिपोर्ट प्रस्तुत की गई थी, जिसमें बताया गया था कि इन बसों में सभी मानक पूरे हैं। ऑडिट रिपोर्ट आने के बाद पुरानी रिपोर्ट से तुलना भी की जाएगी।

अब तक 1300 इलेक्ट्रिक बसें DTC के बेड़े में शामिल हो चुकी हैं। जल्द ही 1540 बसें दिल्ली को और मिलेंगी। इनमें से तकरीबन 500 बस वही कंपनी सप्लाई करेगी जिसने उस बस को दिया था जिसमें आग लगी थी। इसके अलावा, बस की आपूर्ति लेते समय परिवहन विभाग खास एहतियात बरतेगा और मानकों पर बारीकी से इन बसों को परखा जाएगा।

14 हज़ार किमी चली बस हुई थी राख

19 मई को वह ई-बस, जिसने मिनटों में जलकर राख हो गई, उसमें सिर्फ 14 हजार किलोमीटर तक ही चली थी। यानी बस का संचालन शुरू हुआ था और उससे बहुत कम समय बीता था। प्राथमिक जांच में पता चला कि बैटरियों में कोई समस्या नहीं थी, लेकिन बस की मोटर के पास से पहले ही धुआं उठा था और फिर उसमें आग लग गई।

अधिकारियों का कहना है कि बैटरियां बस की छत पर स्थित होती हैं, लेकिन धुआं उस स्थान से नहीं निकला था। माना जा रहा है कि मोटर के पास लगे तारों के गरम हो जाने से पहले इंसुलेटर जल गए और इससे बस के अंदर आग फैल गई।

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