India News Delhi (इंडिया न्यूज), Delhi Excise Policy: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली हाई कोर्ट को एक महत्वपूर्ण बात बताई है। उन्होंने इस घटना से जुड़े अगले कार्यवाही चरण के बारे में सूचित किया है। अनुमान लगाया जा रहा है कि अगले चार्जशीट में आम आदमी पार्टी को भी आरोपी के रूप में शामिल किया जाएगा।
इस मामले की मूल बातें एक आबकारी नीति के अनुशासन में आयी हैं, जिसमें कथित शराब घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं। इस मामले में प्रमुख नेताओं में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, आप सांसद संजय सिंह और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया गया था। जमानत की प्रक्रिया के बाद, संजय सिंह और अरविंद केजरीवाल को रिहा कर दिया गया, हालांकि मनीष सिसोदिया अब भी जेल में हैं। इस मामले में जांच की प्रक्रिया में देरी का आरोप लगाया जा रहा है, जिसे ED ने हाई कोर्ट को सूचित किया है।
Delhi Excise Policy: जानिए क्या है आबकारी नीति
आबकारी नीति सरकार की एक नीति होती है जो शराब और अन्य पेय पदार्थों के उत्पादन, वितरण, और बिक्री को नियंत्रित करती है। सामान्यतः, इसका उद्देश्य यह होता है कि शराब बिक्री और सेवन की प्रक्रिया समाज के लिए अधिक सुरक्षित और न्यायसंगत हो। दिल्ली सरकार ने साल 2021 में एक नई आबकारी नीति पेश की, लेकिन इसके लागू होने के बाद सवाल उठने लगे कि क्या इसमें कोई अनियमितता है। इसके बाद सीबीआई और ED ने अनियमितताओं के मामले में जांच आरंभ की।
केजरीवाल की गिरफ़्तारी
मानी जाने वाली शराब घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में, मार्च 2024 में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया। केजरीवाल ने इस गिरफ्तारी का विरोध किया, लेकिन दिल्ली हाई कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत दे दी, और अब उन्हें 2 जून को फिर सरेंडर करना होगा।
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