India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Delhi Fire: चांदनी चौक की नई सड़क पर दो मार्केटों में लगी आग से व्यापारियों को भारी नुकसान हो गया है। इस घटना के बाद, ट्रेडर्स एसोसिएशन ने सभी व्यापारियों को आग से बचाव के लिए जागरूक करने का निर्णय लिया है। इस उद्देश्य से, चांदनी चौक ट्रेडर्स परिषद ने सोमवार को बुलाकर एक बैठक आयोजित की है, जिसमें व्यापारियों को आग से बचाव के उपायों पर विचार किया जा रहा है। इस समस्या को सुलझाने के लिए अग्निशमन सुविधाओं को और बेहतर बनाने की भी चर्चा होगी।
चांदनी चौक ट्रेडर्स परिषद के प्रधान सुरेश बिंदल ने बताया कि चांदनी चौक में हो रही समस्याओं के समाधान के लिए व्यापारियों को आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि जब भी कोई घटना होती है, तो व्यापारियों को अपनी सुरक्षा का प्रबंधन स्वयं करना होता है। उन्होंने यह भी जताया कि ऐसी घटनाओं से करोड़ों का नुकसान होता है।इसी लिए इससे बचने के लिए आवश्यक सावधानी बरतना जरूरी है।
चांदनी चौक के व्यापारिक समूह ने अपने इलाके में सुरक्षा के मामले पर गहरा ध्यान देने का निर्णय लिया है। इस संदर्भ में, ट्रेडर्स परिषद के प्रमुख सुरेश बिंदल ने बताया कि चांदनी चौक में कुल 74 कटरे हैं, जिसमें बहुत से व्यापारी वस्तुस्थित हैं। इस दिशा में, सोमवार को उन्होंने एक परिषद की बैठक बुलाई है, जिसमें यह निर्णय लिया जाएगा कि आग की घटनाओं को रोकने के लिए दूसरे व्यापारियों को कैसे जागरूक किया जा सकता है।
इसके साथ ही, इलेक्ट्रिकल विभाग के विशेषज्ञों द्वारा व्यापारियों को अग्निशमन और सुरक्षा के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा। बिंदल ने बताया कि चांदनी चौक में संकरी गलियां होने के कारण अग्निशमन की गाड़ियों को पहुंचाने में कठिनाई हो सकती है, इसलिए उन्होंने इसे भी महत्वपूर्ण मुद्दा बनाया है।
चार दिन से चंदनी चौक में लगी आग अभी तक पूरी तरह नहीं बुझी है। मौके पर अग्निशमन की गाड़ियां तैनात हैं, लेकिन आग को नियंत्रित करने में काफी समस्याएं आ रही हैं। गाड़ियों के सामने आ रही यह सबसे बड़ी चुनौती है कि मलबा कपड़ों जिनमें आग लगी है, उनके ऊपर गिर गया है। इसके कारण आग फिर से जल उठती है और धुंआ उठता है। अग्निशमन कर्मियों को पानी डालने में भी कई परेशानियां हो रही हैं, क्योंकि मलबा नीचे तक पहुंच नहीं पा रहा है। यह सभी समस्याओं के बीच दुकानदारों की चिंता बढ़ी हुई है, जिन्हें अपनी दुकानों की सुरक्षा के लिए अब भी इंतजार में रहना पड़ रहा है।
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