India News Delhi (इंडिया न्यूज), Delhi High Court: दिल्ली हाई कोर्ट ने आदेश दिया है कि 2017 में नाले की सफाई के दौरान मारे गए तीन सफाई कर्मचारियों के परिवारों को 30-30 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए। हाई कोर्ट ने यह फैसला 2023 में सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश के आधार पर किया, जिसमें पारंपरिक तरीकों से सफाई करते हुए जान गंवाने वाले पीड़ितों के परिवारों को मिलने वाले मुआवजे को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 30 लाख रुपये कर दिया गया था। इसलिए, हाई कोर्ट ने पीड़ित परिवारों की अधिक मुआवजे की मांग वाली याचिका को मंजूर कर लिया।
परिजनों ने याचिका में बताया कि अगस्त 2017 में लाजपत नगर में नाले की सफाई के दौरान तीन सफाई कर्मचारियों की मौत हो गई थी। इन कर्मचारियों को दिल्ली जल बोर्ड के एक उप-ठेकेदार ने काम पर रखा था। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि उनकी मौत के बाद परिजनों को 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया, लेकिन उन्होंने इस राशि को बढ़ाकर 30 लाख रुपये करने की मांग की।
न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश सभी वैधानिक निकायों, जैसे निगमों, रेलवे, और छावनी क्षेत्रों पर लागू होते हैं। इसी आधार पर हाई कोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए मुआवजे की राशि को बढ़ाने का आदेश दिया।
अदालत ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें यह सुनिश्चित करें कि जिन सफाई कर्मचारियों ने अपनी जान गंवाई है, उनके परिवारों के लिए पुनर्वास के उपाय किए जाएं। विशेष रूप से, मृत श्रमिकों के परिवारों को 10 लाख रुपये के बजाय 30 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि मृत सफाई कर्मचारियों के परिजन 30 लाख रुपये के मुआवजे के हकदार हैं और शेष राशि का भुगतान आठ हफ्ते के अंदर परिजनों को किया जाए।
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