India News Delhi(इंडिया न्यूज़), Delhi High Court: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली में रहने वाले गरीबों के हित में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। अदालत ने PIL पर अपना फैसला दिया है कि गरीबों को इलाज के लिए 15 दिनों में कैश प्रदान किया जाए। इस आदेश के तहत, विभिन्न योजनाओं के तहत मदद प्राप्त करने के हकदार मरीजों को इस अवधि के अंदर मोनेटरी सुविधा प्राप्त करने का अधिकार होगा।
दिल्ली हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि विभिन्न योजनाओं के तहत मदद प्राप्त करने योग्य मरीजों को 15 दिनों में इलाज के लिए कैश प्रदान किया जायेगा। यह फैसला कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच द्वारा दिया गया है। अदालत ने आदेश जारी करते हुए कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों द्वारा मदद के आवेदन के सात दिनों के भीतर दस्तावेजी प्रक्रिया पूरी की जाएगी। उसके अगले सात दिनों में मरीज के इलाज के लिए आवश्यक राशि जारी कर दी जाएगी।
इस योजना को चार हफ्ते में लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, रिपोर्ट पेश करने के लिए पक्षकारों को 10 मई 2024 तक का समय दिया गया है। उच्च न्यायालय ने समिति की सिफारिशों के आधार पर केंद्र, राज्य के सरकारी व स्वायत्त अस्पतालों के निदेशकों को जिम्मेदारी सौंपी है कि आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों की मदद के लिए राष्ट्रीय आरोग्य निधि, प्रधानमंत्री राहत कोष व डॉक समेत अन्य माध्यमों से राहत के लिए दस्तावेजी प्रक्रिया खुद संभालेंगे।
एक व्यक्ति की याचिका ने दिल्ली हाईकोर्ट में बड़ा बदलाव किया है। इस मुद्दे को आम नागरिक की समस्या मानते हुए, हाईकोर्ट ने याचिका को जनहित याचिका में तब्दील कर दिया। सर्वेश नामक व्यक्ति ने अपने वकील अशोक अग्रवाल के माध्यम से वर्ष 2014 में यह याचिका दायर की थी। साथ ही, चिकित्सा व प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को शामिल कर एक समिति का गठन किया गया था।
उन्होंने स्वास्थ्य योजनाओं के लिए सभी सार्वजनिक अस्पतालों में नोडल अधिकारियों की नियुक्ति, उपलब्ध दवा, इम्प्लांट्स और इक्विपमेंट्स पर वास्तविक समय अपडेट के साथ सिंगल विंडो मैकेनिज्म शामिल करने के निर्देश दिए हैं।
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