India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Delhi Hospital: राजन बाबू इंस्टीट्यूट ऑफ पल्मोनरी मेडिसिन एंड ट्यूबरक्लोसिस (RBTB) हॉस्पिटल में एक अल्ट्रासाउंड मशीन पहुंच की गई है, और इसका आज से संचालन शुरू होगा। इस मुद्दे पर MCD ने दिल्ली हाई कोर्ट को यह जानकारी दी। पिछली सुनवाई के दौरान, पीठ ने अल्ट्रासाउंड मशीन की खरीद के लिए आवश्यक प्रमाण पत्र न होने की वजह से नाराजगी व्यक्त की थी।
याचिकाकर्ता संगठन ने सुनवाई के दौरान अदालत से यह अनुरोध किया कि 1500 बेड वाले अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन स्थापित की जानी चाहिए। इस पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन व न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की पीठ ने MCD को इस अनुरोध की व्यवहार्यता पर विचार करने का निर्देश दिया था, और अगली सुनवाई पर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था।
अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की दी गई चेतावनी के बाद, 23 अप्रैल को हुई पिछली सुनवाई में पीठ ने अल्ट्रासाउंड मशीन की खरीद के लिए आवश्यक प्रमाण पत्र की कमी पर नाराजगी व्यक्त की थी। अदालत के सख्त रुख को देखते हुए, मशीन खरीदने के संबंध में जरूरी प्रमाण पत्र पेश किया गया था, जिसकी मंजूरी संबंधित जिलाधिकारी से प्राप्त की गई थी। उन्होंने आश्वासन दिया कि मशीन को 15 दिनों के भीतर चालू कर दिया जाएगा।
अदालत ने इस टिप्पणी और आदेश के बाद अर्बीटीबी अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीनों के साथ-साथ दवाओं की भी कमी के खिलाफ गैरसरकारी संगठन सोशल जूरिस्ट द्वारा दायर जनहित याचिका पर आदेश जारी किया। याचिकाकर्ता द्वारा पेश हुई अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने बताया कि अभी भी दवा उपलब्ध नहीं है और मशीन की अभाव के कारण मरीजों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। मामले की अगली सुनवाई 21 मई को होगी।
सुनवाई के दौरान सरकार ने टीबी की दवाओं की उपलब्धता पर रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में 4-एफडीसी ए की 21,614 स्ट्रिप्स और 3-एफडीसी ए की 5,516 स्ट्रिप्स मौजूद हैं। केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि आठ मई तक दिल्ली को और दवाइयों की आपूर्ति की जाएगी। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आरबीटीबी हॉस्पिटल की तरफ से यह जानकारी दी गई कि उनके पास अभी आठ दिनों का स्टाक है।
दिल्ली राज्य स्वास्थ्य मिशन के निदेशक ने बताया कि उनके पास अब कोई स्टाक नहीं है क्योंकि केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य मिशन को स्टाक भेज दिया है। अदालत ने सरकार से यह निर्देश दिया है कि वह दो सप्ताह के भीतर एक नई रिपोर्ट पेश करे।
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