India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Delhi Hospitals: LG ने विवेक विहार में हुई अवैध रूप से चल रहे बेबी केयर न्यू बोर्न नर्सिंग होम में हुई आग लगने की घटना को गंभीरता से लिया है। उन्होंने राजधानी में सभी निजी नर्सिंग होम की जांच कराने के आदेश दिए हैं और इसके लिए भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) को भी संलग्न किया है।
ACB को नर्सिंग होम के पंजीकरण और नियामक प्रबंधन की व्यापक जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने अधिकारियों की जिम्मेदारी का पालन नहीं होने के मामले में चिंता जताई है और इसे भ्रष्टाचार निरोधक शाखा की जांच में शामिल किया है। इसके साथ ही, उन्होंने मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को भी बयानबाजी और जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने का आरोप लगाया है।
बेबी केयर न्यू बोर्न नर्सिंग होम में हुई अवैध आग से छह नवजातों की मौत हो गई थी। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद, उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री और मंत्रियों पर सवाल उठाते हुए कहा है कि इसने दिल्ली के निवासियों के स्वास्थ्य और जीवन से संबंधित सीधे प्रश्न उठा दिए हैं। उन्होंने इसे बहुत गंभीरता से लिया है।
इस त्रासदी के बावजूद, मुख्यमंत्री और मंत्रियों ने केवल दिखावे के लिए बयान दिया है, जिससे साफ होता है कि उन्हें अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने के लिए बहाने ढूंढने की कोशिश है। इस पर आपत्ति जताते हुए कहा गया है कि इंटरनेट मीडिया पर मुख्यमंत्री और मंत्रियों के बयानों की आलोचना करते हुए कि ऐसे गंभीर मुद्दों को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। इस घटना में निजी स्वास्थ्य सुविधाओं के नियामक प्रबंधन की कमी का जिक्र करते हुए भी इसे गंभीरता से लिया गया है।
अदालतों की फटकार के बाद भी स्वास्थ्य मंत्री द्वारा सार्वजनिक स्वास्थ्य की उपेक्षा का आरोप लगाया गया है। हाई कोर्ट ने स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य सचिव को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के लिए कहा था, क्योंकि दिल्ली में सार्वजनिक स्वास्थ्य की बुनियादी ढांचे की चिंता की जा रही है।
उन्हें क्लीनिकल स्टेबलिस्टमेंट (पंजीकरण और विनियमन) अधिनियम, 2010 को लागू न करने के लिए भी फटकार लगाई गई थी। मंत्री ने अदालत में चार सप्ताह के अंदर इसे लागू करने और राज्य सरकार द्वारा इस विषय में कानून बनाने की बात कही थी, लेकिन दो माह बाद भी यह कानून लागू नहीं किया गया।
स्वास्थ्य मंत्री ने दिशा दी कि एसीबी जांच के दौरान स्पष्ट किया जाए कि स्वास्थ्य विभाग ने पंजीकरण और नवीनीकरण का काम कितने प्रतिशत साइट निरीक्षण के बाद किया है। इसके साथ ही, उन्होंने जिला मजिस्ट्रेट से अगले दो हफ्ते के भीतर उनके क्षेत्र में चल रहे नर्सिंग होम की सत्यापन कराने का निर्देश दिया। इससे स्पष्ट होगा कि वास्तविक आंकड़ों के मुताबिक कितने नर्सिंग होम हैं। यह सत्यापन स्वास्थ्य विभाग की सूची के साथ मिलाकर किया जाएगा।
मुख्य सचिव को पंजीकरण और नवीनीकरण का काम पूरी तरह से ऑनलाइन पोर्टल पर करने के निर्देश दिए गए हैं। इससे सुनिश्चित किया जाएगा कि काम सही और भ्रष्टाचार की संभावना को कम किया जा सके।
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