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Delhi Hospitals: दिल्ली के कई हॉस्पिटल और नर्सिंग में नियमों का दिखा खुला उल्लंघन, अब दर्ज होगी FIR

• LAST UPDATED : June 1, 2024

India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Delhi Hospitals: दिल्ली सरकार के एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने नर्सिंग होम्स और प्राइवेट अस्पतालों की जांच के लिए स्पेशल टास्क फोर्स (SIT) की गठन की है। तीन टीमें दिन-रात काम कर रही हैं, जिससे कि दिल्ली के सभी नर्सिंग होम्स की जांच की जा सके। अब तक यमुनापार के करीब 35 नर्सिंग होम्स और प्राइवेट अस्पतालों की जांच की गई है, जिसमें खामियां दर्ज की गई हैं। इस मामले में जल्द ही एफआईआर दर्ज किया जाएगा। जांच के दौरान, अगर विभिन्न प्रकार की गड़बड़ियां मिलती हैं, तो कई एफआईआर दर्ज किए जा सकते हैं।

Delhi Hospitals: कई जगह मिली खामियां

एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) के सूत्रों के अनुसार, विवेक विहार अग्निकांड के बाद, यमुनापार से नर्सिंग होम्स की जांच शुरू की गई है। गुरुवार को 20 नर्सिंग होम्स की जांच की गई और शुक्रवार शाम तक 15 को खंगाला गया। इनमें कई खामियां दर्ज की गई हैं। इन नर्सिंग होम्स के बहुत से नियमों का उल्लंघन किया गया है, जैसे कि डायरेक्टरेट जनरल ऑफ हेल्थ सर्विसेज (DGHS) से मिले लाइसेंस के नियमों का। कुछ में लाइसेंस में दर्ज से अधिक बेड मिले हैं, कुछ के लाइसेंस की अवधि समाप्त हो चुकी है और कुछ के लाइसेंस को नवीनीकरण के लिए आवेदन किया गया है। कुछ नर्सिंग होम्स को बिना लाइसेंस के भी खोजा गया है।

जाँच है ज़रूरी

सूत्रों के अनुसार, यह जांच बहुत महत्वपूर्ण है, जिसमें दिल्ली के सभी प्राइवेट अस्पतालों और नर्सिंग होम्स की जाँच की जा रही है। रजिस्टर्ड और बिना रजिस्ट्रेशन के सभी अस्पतालों और नर्सिंग होम्स को कवर किया जा रहा है। जांच के दौरान, विभिन्न नियमों के उल्लंघन और विभिन्न विभागों के बीच के संबंध का पता लगाया जाएगा। इस जांच के दायरे में अभी तक दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के DGHS और उसके अधिकारी शामिल हैं। अगर दूसरे सरकारी विभागों और उनके अफसरों की संलिप्तता मिलती है, तो उन पर भी कार्रवाई की जाएगी।

Delhi Hospitals: दर्ज होगा FIR

वर्तमान में मिल रही खामियों के आधार पर एफआईआर दर्ज किया जाएगा। जैसे-जैसे जांच की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी, और अलग-अलग प्रकार के उल्लंघन सामने आएंगे, तो और भी अधिक एफआईआर दर्ज किए जा सकते हैं। इसके साथ ही, एलजी वीके सक्सेना ने विवेक विहार में हुए अग्निकांड के बाद 7 नवजात बच्चों की मौत के बाद इस जांच की निर्देश दिए थे। उस नर्सिंग होम का लाइसेंस 31 मार्च को समाप्त हो चुका था। इस समय वहाँ 12 नवजात बच्चों को भर्ती किया गया था, जबकि अनुमति केवल 5 बेड के लिए थी।

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