India News Delhi (इंडिया न्यूज) Delhi jal Board Case: दिल्ली जल बोर्ड मामले में जान एजेंसी ईडी ने गुरुवार (4 मार्च) को चार्जशीट दाखिल कर दी है आरोपपत्र के मुताबिक, चुनाव के वित्तपोषण के लिए दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों की ओर से आम आदमी पार्टी को 2 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई थी। ईडी की चार्जशीट में यह भी बताया गया है कि इस मामले में आम आदमी पार्टी(AAP) के खिलाफ जांच चल रही है। ईडी ने जांच के तहत 5 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। आरोप पत्र के मुताबिक आरोपियों में दिल्ली जल बोर्ड के पूर्व मुख्य अभियंता जगदीश अरोड़ा, अनिल कुमार अग्रवाल, तजेंद्र सिंह, एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड और एनबीसीसी के फरीदाबाद जोन के तत्कालीन महाप्रबंधक शामिल हैं।
इसके अलावा ईडी ने आरोपियों की कुल 8.80 करोड़ रुपये की संपत्ति भी जब्त की है। एजेंसी ने यह भी कहा है कि शराब नीति घोटाले में पैसा आप पार्टी फंड में गया था। दिल्ली जल बोर्ड मामले में ईडी ने 8 हजार पन्नों के दस्तावेज दाखिल किए हैं।इसमें 140 पृष्ठों का ऑपरेटिव भाग है। ईडी ने कहा कि एनकेजी कंपनी को आरोपी बनाया गया है और उसके निदेशक की मौत हो चुकी है, इस लिए उन्हें आरोपी नहीं बनाया गया है। एनबीसीसी अधिकारी मित्तल द्वारा जारी प्रमाण पत्र के आधार पर एनकेजी कंपनी को टेंडर मिला था।
ईडी ने आरोप पत्र में कहा कि एनकेजी ने कोई काम नहीं किया, उसे टेंडर मिल गया। एनबीसीसी के रिकॉर्ड में एनकेजी के बारे में कुछ भी नहीं था। ईडी ने कहा कि जगदीश अरोड़ा, अनिल अग्रवाल, तजेंद्र सिंह चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं। मित्तल एनबीसीसी के अधिकारी हैं ।मित्तल ने एनकेजी कंपनी के फर्जी दस्तावेज मुहैया कराए थे। जल बोर्ड ने एनकेजी को 38 करोड़ रुपये का टेंडर दिया था। 24 करोड़ रुपये जारी किये गये। 24 में से एनकेजी ने 6 करोड़ 36 लाख रुपये लौटा दिये। ईडी ने कहा कि 6 करोड़ 36 लाख रुपये रखे गए, यह अपराध की कार्यवाही है। ईडी ने आरोप पत्र में कहा कि एनकेजी और इंटीग्रल ग्रुप का पैसा जगदीश अरोड़ा को गया था क्योंकि उन्होंने ही टेंडर जारी किया था. यह टेंडर के बदले दर्ज किया गया था।
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