India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Delhi: दिल्ली के स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार को गति मिल रही है। उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार को लेकर कदम उठाने का आदेश दिया है। इस प्रयास के तहत, कुछ प्रमुख अस्पतालों के मेडिकल डायरेक्टर और चिकित्सा अधीक्षकों की बदलाव की तैयारी हो रही है।
एलजी के निर्देश के बाद, इस सुधार की कवायद में दिल्ली सरकार के प्रमुख अस्पतालों में से कई अधिकारियों के पदानुक्रम की तैयारी हो रही है। यहां शामिल होंगे एलएनजेपी, जीबी पंत, आरटीबी, और कई अन्य प्रमुख अस्पतालों के अधिकारी। इन बदलावों का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाना और लोगों को उच्च-तकनीकी चिकित्सा सेवाओं का लाभ प्रदान करना है।
स्वास्थ्य महकमों में मेडिकल डायरेक्टरों के बदलाव की चर्चा लगातार चल रही है। उन सभी डायरेक्टरों का टर्म पूरा हो चुका है, जिन्हें बदलने की बात की जा रही है। लोकसभा चुनाव के दौरान लागू आचार संहिता के बीच, इस मुद्दे पर चर्चा तेज हो रही है। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने हाल ही में स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर अधिकारियों को फटकार लगाई थी, जिसमें एलएनजेपी सहित कई बड़े अस्पतालों के मेडिकल डायरेक्टरों का जिक्र था। LG को इस बारे में जानकारी दी गई कि इनके कई डायरेक्टर सालों से पद पर बने हुए हैं, जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा कर लिया है। इस प्रकार, इस विवाद को लेकर कार्रवाई की तैयारी चल रही है, जिसमें लोक नायक अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ सुरेश कुमार का नाम उच्चतम स्थान पर है।
एलएनजेपी अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर, डॉ सुरेश कुमार, विवादों की घेरे में हैं। पिछले कुछ समय से, उन्हें अस्पताल में वीआईपी सुविधा की खास जांच के दौरान कोर्ट द्वारा फटकार लगी थी, जो दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को मिली थी। इसके साथ ही, पिछले साल एक बेनामी पत्र में डॉ सुरेश कुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोप उठाए गए थे। यह पत्र अस्पताल में व्याप्त हो गया था, जिसमें टेंडर और मेडिकल उपकरणों की खरीद-बिक्री के साथ ही अन्य गंभीर आरोप भी शामिल थे। इसके बाद सीबीआई ने मेडिकल डायरेक्टर से कई बार पूछताछ की है।
पिछले जून महीने में, उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच हुए तनातनी के दौरान, कई अस्पतालों के मेडिकल सुपरिटेंडेंट और मेडिकल डायरेक्टर बदले गए थे। उस समय भी, एलएनजेपी सहित कई अस्पतालों के मेडिकल डायरेक्टर ने अपनी कुर्सी बनाए रखने में सफलता प्राप्त की, जबकि उनका कार्यकाल समाप्त हो चुका था। इस प्रकार, डॉ. हेडगेवार आरोग्य संस्थान, लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल, भगवान महावीर अस्पताल, दीप चंद बंधु अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक और मेडिकल डायरेक्टर ने अपने पद से इस्तीफा दिया था।
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