India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Delhi Rain: दिल्ली की जनता बाढ़ से त्रस्त है लेकिन इस मुद्दे पर राजनीति लगातार गरमाई हुई है। आज दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने आज एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चाहे पीने के पानी की कमी से दिल्लीवासियों की बदहाली हो या बारिश के कारण जलजमाव, इन दोनों स्थितियों के लिए अरविंद केजरीवाल सरकार की अक्षमता जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में 287 चिन्हित खतरनाक जलजमाव स्पॉट हैं, और 28 जून, 2024 को उनमें से 250 से अधिक स्थानों पर पंप ठप पड़े थे।
सचदेवा ने बताया कि 28 जून को लोक निर्माण विभाग द्वारा दिल्ली में लगाए गए 696 स्थायी वाटर निकासी पंपों में से 400 से अधिक काम नहीं कर रहे थे। उनकी जानकारी के अनुसार, 100 से अधिक पंप इसलिए बंद थे क्योंकि उनके लिए डीजल तेल उपलब्ध नहीं था।
इसके अलावा, दिल्ली जल बोर्ड, फ्लड विभाग के पंप हाउस और दिल्ली नगर निगम के भी 465 पंप लगाए जाते हैं, जिनमें से अधिकांश आज भी काम नहीं कर रहे हैं। इसका प्रमाण है कि दो दिन बाद जब मंत्री सुश्री आतिशी स्वयं मिंटो रोड पुल के नीचे जलजमाव की निकासी के लिए लगाए पंपिंग स्टेशन पहुंची, तब भी 8 में से 3 पंप काम नहीं कर रहे थे।
वीरेन्द्र सचदेवा ने अरविंद केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाया कि चुनाव आचार संहिता का बहाना बनाकर आवश्यक टेंडर नहीं हो पाया। लेकिन सच्चाई यह है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार चुनाव की तैयारी में मदमस्त थी और इस महत्वपूर्ण काम पर ध्यान नहीं दिया। सचदेवा ने कहा कि मानसून के लिए अतिरिक्त वाटर निकासी पंप किराये पर लेने का टेंडर एक वार्षिक जनहित कार्य है। यदि अरविंद केजरीवाल सरकार चुनाव आयोग से विशेष अनुमति मांगती तो यह मिल सकती थी, पर उन्होंने इसे आवश्यक नहीं समझा।
वीरेंद्र सचदेवा ने लोक निर्माण और दिल्ली जल बोर्ड की मंत्री आतिशी को चुनौती दी कि वह बताएं कि दिल्ली में सभी विभागों के कुल कितने स्थायी और अस्थायी वाटर निकासी पंप मानसून में होने चाहिए और उनमें से कितने आज काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश की राजधानी दिल्ली में 11 लोगों की जल में डूबने से मृत्यु शर्मनाक है। भाजपा मांग करती है कि दिल्ली सरकार इन सभी बेबस लोगों की मृत्यु पर शोकाकुल परिवारों को एक-एक करोड़ रुपए का मुआवजा दे।
साथ ही, पुरानी दिल्ली के थोक बाजारों और दिल्ली भर में भूतल और बेसमेंट के घरों और ऑफिसों में हुए नुकसान की भी भरपाई दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम करे।
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