India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Delhi Traffic: सरिता विहार फ्लाईओवर पर मरम्मत कार्य की तारीख में विलम्ब होने के कारण वाहन चालकों को जाम की समस्या का सामना करना पड़ेगा। यह काम पहले मई के पहले हफ्ते से होने वाला था, लेकिन अभी तक ये शुरू नहीं किया गया है। अब यह कार्य 10 मई के बाद शुरू होने की उम्मीद है। इसके चलते, जब काम शुरू होगा, तो वहाँ का एक तरफ का मार्ग बंद रहेगा। यह बात यातायात विभाग ने जारी की है।
सरिता विहार फ्लाईओवर की जर्जर हालत ने सामान्य जनता में चिंता और असुरक्षा का माहौल बढ़ा दिया है। PWD विभाग ने मई की पहले हफ्ते से कार्य को शुरू करना था पर अब यह कार्य 10 मई से शुरू होना है। फ्लाईओवर की भूरी हालत की वजह से वह से गुजरने वाले लोगों की भी जान को खतरा बना हुआ है। हम आपको बता दें कि PWD विभाग ने मरम्मत का कार्य चार चरणों में करने की योजना बनाई थी, लेकिन अब तक इसमें पूरी तरह से कामयाब नहीं हो पाने से देरी हो रही है। इस बारे में जून 2023 में होने की उम्मीद थी, लेकिन शर्तों के अटकने से कार्य में देरी हो गई।
अब तक की जानकारी के अनुसार, जरूरी प्रचार-प्रसार की शर्त भी लंबित है। विभाग की अधिकारिक जानकारी के अनुसार, यह शर्त अगले 10 मई तक पूरी की जाएगी। इसलिए, अब कार्य 10 मई से शुरू होकर 10 जून तक करने का निर्णय लिया गया है। यह कार्य कारण से एक तरफ का मार्ग अस्थायी रूप से बंद होगा, जिससे यातायात में असुविधा हो सकती है। यहां उल्लिखित है कि कार्य का पूरा होने में एक माह का समय लग सकता है। बाद में, दूसरी तरफ का कार्य शुरू किया जाएगा।
दिल्ली-फरीदाबाद मार्ग पर वाहनों की भरमार ने दरवाजे तक तकलीफें बढ़ा दी हैं। हर रोज इस मार्ग पर उफान पिछले सालों में एक सीमा तक पहुंच गया है, जिससे यात्रियों को लंबी कतारों में खड़ा होकर वक्त बिताना पड़ रहा है। सरिता विहार फ्लाईओवर पर कार्य शुरू होने की खबर ने वाहन चालकों को एक और चिंता का सामना करना पड़ा है। जैसा कि अधिकारीगण ने बताया है, वाहन चालकों को वैकल्पिक मार्गों का इस्तेमाल करने की सलाह दी जा रही है, जिससे उन्हें जाम से बचने में मदद मिल सके।
न्यू फ्रैंडस कालोनी, ओखला, कालिंदी कुंज, बदरपुर, सरिता विहार, और फरीदाबाद की ओर जा रहे वाहनों को यह सलाह दी जा रही है कि वे अल्टरनेट रूट का इस्तेमाल करें ताकि उन्हें जाम का सामना न करना पड़े। इस अत्यधिक यातायात के कारण, वाहन चालकों को अगले दो महीने तक संघर्ष करना पड़ेगा, जिससे उनका सफर और भी कठिन हो जाएगा।
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