Thursday, July 4, 2024
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Emergency Landing: फ्लाइट की होने वाली थी लैंडिंग, रन-वे पर दौड़ती नजर आईं फायर ब्रिगेड-एंबुलेंस, जानिए मामला

India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Emergency Landing: हाल ही में आपने सिंगापुर एयरलाइंस के फ्लाइट SQ-321 के एक दुखद घटना के बारे में सुना होगा, जहां एक 73 वर्षीय यात्री की मौत हो गई और 70 से अधिक यात्रियों को आईसीयू में भर्ती किया गया था। आज, हम आपको एक और दुखद घटना के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसमें मुंबई से दिल्ली एयरपोर्ट के लिए रवाना हुई एक फ्लाइट से 125 यात्रियों की जानें गई थी।

मुंबई एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए जा रही गो एयरवेज की फ्लाइट G8-456 की बोर्डिंग पूरी हो चुकी थी। एयरक्राफ्ट में चालक दल के साथ, करीब 125 यात्रियों को सवार किया गया था। दोपहर के लगभग 2:25 बजे यह एयरक्राफ्ट मुंबई एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए उड़ान भरने लगी। करीब दो घंटे की उड़ान के बाद, पायलट ने कुछ ही देर में दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंडिंग की जानकारी दी, जिसके बाद सभी यात्रियों को लैंडिंग का इंतजार करना पड़ा।

Emergency Landing: यात्रियों ने देखा और उड़ गए होश

जैसे ही विमान रनवे की ओर बढ़ने लगा, खिड़की के सीटों पर बैठे यात्रीगण के मन में विभिन्न प्रश्न उत्पन्न होने लगे। उन्होंने देखा कि रनवे के पास आग नियंत्रण गाड़ियों, एम्बुलेंस, फॉलो-मी वाहनों सहित सभी आपातकालीन वाहनों की लंबी कतार लगी थी। जब विमान रनवे के पास आने लगा, तो ये वाहन उसके साथ साथ दौड़ना शुरू कर दिया। ये दृश्य यात्रियों के मन में विभिन्न प्रश्नों को उत्पन्न कर रहे थे। जब विमान रनवे पर उतरने की बजाय एक बार फिर हवा में उड़ गया, तो यह डर भय में बदल गया। विमान फिर से ऊंचे आसमान में उड़ गया था।

आखों में आंसू, मुँह पर प्रार्थनाएं

पायलट ने यात्रियों को तत्काल हल निकालने के लिए PA सिस्टम से संबोधित किया, जब उन्होंने बताया कि एयरक्राफ्ट के नोज पर लगे ह्वील में समस्या है। इसके परिणामस्वरूप, फ्लाइट को दिल्ली एयरपोर्ट पर अपातकालीन रूप से लैंड कराया जा रहा था। इस घटना के दौरान, हर यात्री की आंखों में आंसू और प्रार्थनाएं थीं, जब वे सुरक्षित लैंडिंग की कामना कर रहे थे। यहीं नहीं, भावनात्मक दुख और चिंता की माहौल में केबिन क्रू की भी आँखों से आंसू बहने लगे थे। लेकिन पायलट की आवाज ने एक नई उम्मीद की किरण जगाई, जब वे फ्लाइट को सफलतापूर्वक लैंड कराने के लिए कुशलता से काम में जुटे।

Emergency Landing: आगे की सीटों पर किया शिफ्ट

पायलट ने सभी यात्रियों को सकुशल लैंडिंग की आशा दिलाते हुए निर्देश दिए और केबिन क्रू ने यात्रियों को एयरक्राफ्ट के अलग हिस्से में स्थानांतरित करना शुरू कर दिया। शीघ्र ही, एयरक्राफ्ट का पिछला हिस्सा पूरी तरह से खाली हो गया और यात्रियों को आगे की सीटों में स्थानांतरित किया गया। अब केबिन क्रू और यात्रियों ने अपनी प्रार्थनाओं सहित सकुशल लैंडिंग की कामना की।

करीब 45 मिनटों के बाद, जब वायुमंडल में घबराहट छाई थी, एयरक्राफ्ट ने फिर से रनवे की ओर अग्रसर होना शुरू किया। इस बीच, हवाई अड्डे पर फायर ब्रिगेड, एंबुलेंस, फालो-मी वाहन, और सीआईएसएफ की तत्परता दिख रही थी। एयरक्राफ्ट के नजदीक आते ही, यात्रियों का डर बढ़ता जा रहा था। जिन लोगों के आंखों से पहले आंसू थे, वे अब फूट-फूटकर रो रहे थे।

यात्रियों को सुरक्षित तरीके से बाहर निकाला

रनवे के करीब पहुंचने पर, हर यात्री ने अपनी आँखें बंद कर ली थी। तभी, एक तेज झटके के साथ एयरक्राफ्ट के पिछले टायर रनवे से अलग हो गए। थोड़ी दूर दौड़ने के बाद, एक और झटका महसूस हुआ और एयरक्राफ्ट रुक गया। सभी इमर्जेंसी गेट खुल गए और सभी यात्रियों को सुरक्षित तरीके से बाहर निकाला गया। एयरक्राफ्ट के लैंड होने के बाद, जब यात्रियों को इस घटना का सम्पूर्ण विवरण पता चला, तो उन्हें एक बार फिर से धड़कने लगी। हालांकि, उनकी धड़कनें इस बार धन्यवाद के रूप में थीं, क्योंकि वे सभी सुरक्षित और स्वस्थ थे।

Emergency Landing: फिर एक बार सुरक्षित लैंड हो गई फ्लाइट।

लंबे 45 मिनटों के इंतजार के बाद, पायलट की हुनर और बुद्धिमत्ता ने एयरक्राफ्ट को सुरक्षित लैंडिंग में सफल बनाया, जिससे 125 यात्रियों और केबिन क्रू के सभी सदस्यों की जानें बचा ली गई। इस घटना के बाद, जब भी इस फ्लाइट की याद आती है, तो लोगों के शरीर में एक अलग सी कांप उत्पन्न होता है। यह घटना दर्जनों सालों तक याद की जाएगी, जब सभी ने एक संघर्ष और बड़ी संवेदनशीलता के साथ इस मुश्किल घड़ी में मिलकर सामना किया।

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