India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Gopal Krishna Goswami Death: इस्कॉन इंडिया की गवर्निंग काउंसिल के अध्यक्ष गोपाल कृष्ण गोस्वामी का रविवार को देहरादून में हृदय संबंधी बीमारी के चलते निधन हो गया। सुबह नौ बजकर 20 मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली। उन्होंने दुनिया भर में कई मंदिरों और सांस्कृतिक केंद्रों की स्थापना की थी, जिसमें नई दिल्ली में ग्लोरी ऑफ इंडिया वैदिक सांस्कृतिक केंद्र भी शामिल है। हम आपको बता दें कि उन्होंने अन्नामृत फाउंडेशन की भी शुरुआत की, जो आज भारत के 20 हजार से अधिक स्कूलों में करीब 12 लाख सरकारी स्कूली छात्रों को भोजन परोसता है।
944 में नई दिल्ली में जन्मे गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज ने अपने जीवन को समर्पित किया था धर्म और मानवता की सेवा में। उन्हें सोरबोन विश्वविद्यालय (फ्रांस) और मैकगिल विश्वविद्यालय (कनाडा) में अध्ययन करने के लिए दो छात्रवृत्तियां प्रदान की गई थीं। 1968 में कनाडा में उन्होंने अपने गुरु और इस्कॉन के संस्थापक आचार्य श्रील प्रभुपाद से मुलाकात की और उनके मार्गदर्शन में सभी की शांति और कल्याण के लिए भगवान कृष्ण और सनातन धर्म की शिक्षाओं को दुनिया के साथ साझा करने के लिए खुद को समर्पित किया।
इस्कॉन मंदिर, वृंदावन के पदाधिकारी बृजधाम दास की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार विश्व भर में उनके लाखों भक्त हैं। उन्हें अपने भक्तों की प्रेम और समर्पण ने एक विशेष स्थान प्राप्त कराया था। उनके निधन से उनके भक्तों में गहरा शोक है। गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज ने दो मई को दूधली स्थित मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम में भाग लिया था। इस कार्यक्रम के दौरान अचानक उन्हें फिसलकर गिर गए थे और इससे उनके फेफड़ों में पंक्चर हो गया था।
तीन दिनों से उनका इलाज सिनर्जी अस्पताल में चल रहा था, लेकिन उनकी स्थिति में सुधार नहीं हो सका। रविवार सुबह उन्हें अंतिम सांस लेनी पड़ी। उनके निधन से उनके समर्पित भक्तों को अभी भी गहरा दुःख महसूस हो रहा है।
गोपाल कृष्ण गोस्वामी का पार्थिव शरीर पांच मई को शाम चार बजे ईस्ट ऑफ कैलाश स्थित मंदिर में दर्शन के लिए रखा जाएगा। फिर छह मई को उनका पार्थिव शरीर वृंदावन की पवित्र भूमि में समाधि के तौर पर रखा जाएगा।
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