India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Gramodaya Abhiyan: दिल्ली ग्रामोदय अभियान के तहत गांव में विकास कार्यों को अगस्त तक पूरा किया जाएगा। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने चरण एक के अंतर्गत 364.38 करोड़ रुपये की लागत से चल रहे 416 परियोजनाओं और कार्यों की समीक्षा की। इस मुख्यमंत्री द्वारा निर्देशित समीक्षा के दौरान, एलजी ने इन सभी कामों को अगस्त तक मुकम्मल करने का निर्देश दिया है। उन्होंने गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए डीडीए, एमसीडी, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग, पीडब्ल्यूडी जैसी अन्य एजेंसियों से परियोजनाओं की निगरानी को भी बढ़ावा दिया।
इस अवसर पर अधिकारियों ने बताया कि 416 परियोजनाओं का काम 418.11 करोड़ रुपये की लागत से पूरा किया जाएगा। इन परियोजनाओं के लिए पहले से ही 273.70 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। बची हुई 144.41 करोड़ रुपये भी एक सप्ताह में जारी किए जाएंगे। इसके बाद एलजी के निर्देश के अनुसार, जिला अधिकारियों ने DDA, MCD, जल बोर्ड सहित अन्य विभागों के साथ जनवरी में दो मौकों पर विभिन्न गांवों का दौरा किया। इन मौकों पर अधिकारियों ने लोगों की समस्याओं को जानने का काम किया।
एलजी ने बताया कि जिला अधिकारी नियमित अंतराल पर व्यक्तिगत तौर पर क्षेत्रों में दौरा करके कामों की प्रगति की समीक्षा करेंगे। इसके साथ ही कामों का भौतिक सत्यापन भी किया जाएगा। निर्माणाधीन कार्यों की माहिती हर 15 दिन में वेब पोर्टल पर ई-मॉनिटरिंग के लिए अपलोड की जाएगी।
कार्यों की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी करवाई जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि कार्यदाई संस्था के ठेकेदारों को काम के साथ पांच साल की वारंटी देनी होगी, और यदि काम की गुणवत्ता में कोई दोष मिलता है तो उन्हें काम दोबारा से कराना होगा। विभिन्न गांवों में 37 श्मशान घाटों का नवीनीकरण शुरू हो गया है। इस महत्वपूर्ण पहल के तहत, एलजी ने निर्देश दिया है कि प्रत्येक स्थान पर बिजली और गैस आधारित भट्टियां उपलब्ध कराई जाएं ताकि लकड़ी खरीदने के लिए पेड़ों को न काटा जाए। इसके अलावा, श्मशान घाटों में अन्य सुविधाओं का विकास भी किया जा रहा है।
जिलाधिकारियों को विशेष रूप से स्थानीय लोगों के साथ-साथ गैर सरकारी संगठनों की मदद से श्मशान घाटों का उचित रखरखाव सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए हैं। इसके साथ ही, श्मशान घाटों में फूलों के पेड़ लगाने का भी निर्देश दिया गया है। यहां पर जैकरांडा, गुलमोहर, अमलतास जैसे दूसरे फूलों की एक विशेष प्रजाति लगाई जाएगी।
Read More: