India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Heat Stroke: गर्मी के बढ़ते तापमान के साथ हीट स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ता जा रहा है, खासकर जब तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला जाता है। सिर्फ वे लोग ही नहीं जो धूप में रहते हैं, बल्कि वे लोग भी जो धूप से बचने की कोशिश करते हैं, हीट स्ट्रोक या इससे संबंधित बीमारियों का शिकार हो सकते हैं। हाल ही में, बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान को डिहाइड्रेशन के कारण अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था। अगर हीट स्ट्रोक एक बार हो जाए और समय पर इलाज न मिले, तो करीब 65% मामलों में मरीज की मौत हो सकती है। हैरान करने वाली बात यह है कि हीट स्ट्रोक के लिए आपके कपड़े भी जिम्मेदार हो सकते हैं।
हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने Heat Stroke और हीट से संबंधित बीमारियों से बचाव के लिए मानक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन दिशा-निर्देशों को तैयार करने में दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल के इंटरनल मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर, डॉ. अजय चौहान ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। डॉ. चौहान बताते हैं कि इन दिशा-निर्देशों के अनुसार, हीट स्ट्रोक के खतरे को बढ़ाने में आपके कपड़ों का रंग भी एक कारण हो सकता है। इसके अलावा, हीट स्ट्रोक से बचने के लिए दो अन्य महत्वपूर्ण बातों का भी ध्यान रखना आवश्यक है।
डॉ. अजय का कहना है कि हीट स्ट्रोक से बचने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि आप किस रंग के कपड़े पहनते हैं। कपड़े सूती हों या न हों, इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता, लेकिन उनका रंग गहरा हो तो हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। गहरे रंग, खासकर काला और लाल, सूरज की गर्मी को ज्यादा अवशोषित करते हैं, जिससे शरीर को अधिक गर्मी लगती है। यही कारण है कि सोलर पैनल्स में काले रंग का उपयोग किया जाता है। बहुत से लोग चिलचिलाती धूप में काले कपड़े पहनकर घूमते रहते हैं, जबकि यह खतरनाक हो सकता है। इसलिए गर्मी में हल्के रंग के कपड़े जैसे सफेद, आसमानी, हल्का हरा, हल्का गुलाबी आदि पहनें ताकि आप अत्यधिक गर्मी से बच सकें।
डॉ. चौहान बताते हैं कि गर्मी में ज्यादा पानी पीने की सलाह दी जाती है और लोग अपने शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए बहुत सारा पानी पीते भी हैं। लेकिन वे एक महत्वपूर्ण चीज भूल जाते हैं और वह है नमक। गर्मी में पसीने के साथ शरीर से नमक भी निकलता है, इसलिए पानी के साथ-साथ नमक की मात्रा भी बनाए रखना जरूरी है। हमारे शरीर से हर घंटे करीब आधा लीटर पसीना निकलता है और व्यायाम या मेहनत करने पर यह मात्रा दो से तीन लीटर प्रति घंटा भी हो सकती है। इसलिए, हीट वेव्स के दौरान पानी के साथ अपने आहार में नमक का संतुलन बनाए रखें।
बहुत से लोग प्यास लगने पर किसी काम में व्यस्त होने के कारण पानी पीना भूल जाते हैं और कुछ देर बाद प्यास कम भी हो जाती है। प्यास भूख की तरह सक्रिय नहीं होती, इसलिए लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन यह आदत आपके शरीर में पानी की कमी कर देती है और हीट स्ट्रोक के खतरे को बढ़ा देती है। डॉ. अजय का कहना है कि गर्मी में हीट एक्जर्शन या हीट स्ट्रोक से बचने के लिए प्यास की अनदेखी न करें। बिना प्यास लगे भी हर आधे घंटे या एक घंटे में पानी पीते रहें। खुद को ओवर हाइड्रेट कर लें ताकि हीट स्ट्रोक से बचा जा सके।
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