India News Delhi(इंडिया न्यूज़), Healthy Diet: कम सक्रिय (एक्टिव) जीवनशैली वाले व्यक्तियों के लिए स्वस्थ आहार की आवश्यकता होती है। उन्हें उनकी गतिविधियों और उम्र के हिसाब से सही खान-पान करना चाहिए। भारतीय पोषण आपेक्षिक विभाग (ICMR) ने इसके लिए कुछ सावधानियां जारी की हैं। साथ ही साथ भारत में बीमारियों का आंकड़ा चिंता का विषय बन गया है, जिसमें 56.4 फीसदी मामलों का खानपान से संबंध बताया गया है।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने इसे अपनी रिपोर्ट में उजागर किया है। रिपोर्ट के अनुसार, सेहतमंद रहने के लिए व्यक्ति को दिनभर में 1,200 ग्राम भोजन की आवश्यकता होती है, ताकि उसे दैनिक 2,000 कैलोरी प्राप्त हो सकें। इसे पूरा करने के लिए, एक आदमी या औरत को अपनी थाली में 100 ग्राम फल, 400 ग्राम हरी सब्जी, 300 मिलीटर दूध या दही, 85 ग्राम दाल या अंडा, 35 ग्राम मेवा-बीज और 250 ग्राम अनाज का सेवन करना चाहिए।
ऐसे लोगों को अधिकतम स्वस्थ आहार में फल, सब्जियां, अनाज, और दूध जैसे पोषक तत्वों को शामिल करना चाहिए। फल और सब्जियों में विटामिन्स, मिनरल्स, और फाइबर होता है जो उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुनिश्चित करता है। अनाज जैसे चावल, गेहूं, और दाल में प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं जो ऊर्जा को बढ़ाते हैं। दूध और दूध संबंधित उत्पादों में कैल्शियम और प्रोटीन होते हैं जो हड्डियों और दाँतों के लिए जरूरी होते हैं।
दूसरी बात, कम सक्रिय व्यक्तियों को अधिकतम तेल, चीनी, और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए। इन चीजों में अधिक मात्रा में तेल और शुगर होता है जो वजन बढ़ाने का कारण बन सकता है और साथ ही कैंसर, डायबिटीज, और हृदय रोगों का खतरा भी बढ़ा सकता है।
तीसरी बात, पानी की पर्याप्त मात्रा में सेवन करना बहुत महत्वपूर्ण होता है। पानी शरीर के लिए आवश्यक होता है और यह संगीतिक प्रक्रियाओं को सही तरह से काम करने में मदद करता है।
दूध और दूध संबंधित उत्पाद जैसे कि दही, पनीर, और छाछ, हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। ये आहार हमें कैल्शियम और प्रोटीन प्रदान करते हैं, जो हमारे हड्डियों और दाँतों के लिए जरूरी होते हैं।
इस तरह के स्वस्थ आहार का सेवन करने से आपका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बना रहेगा और आप अधिक ऊर्जावान और सक्रिय महसूस करेंगे। इसलिए, यदि आपकी जीवनशैली कम सक्रिय है, तो यह आहार आपके लिए सर्वोत्तम हो सकता है।
सरसों का तेल आपके स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होता है, खासकर घी के मुकाबले। इसमें तीन प्रकार के फैटी एसिड होते हैं:
संतृप्त वसा (साफा) का अधिक सेवन करने से कैलोरी की मात्रा बढ़ जाती है और हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। वहीं, ट्रांस फैटी एसिड (टीएफ) नुकसानदायक होते हैं और इन्हें दूर रखना चाहिए। सरसों के तेल में संतृप्त फैटी एसिड (साफा) की मात्रा सबसे कम होती है, जबकि घी, पाम ऑयल और नारियल तेल में यह अधिक होता है।
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