India News Delhi(इंडिया न्यूज़), High Court: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष कोर्ट ने कश्मीरी दंपती सहित पांच लोगों को आईएसकेपी संगठन से जुड़ने के आरोप में सजा सुनाई। इस अपराध मामले में प्रमुख आरोपी सॉफ्टवेयर इंजीनियर जहानजैब सामी को 20 साल की कैद की सजा मिली। उसने स्वात अल हिंद, वॉयस ऑफ हिंद पत्रिका तैयार की थी और युवा मुसलमानों को कट्टरपंथी बनाने का आरोप लगा। इसके अलावा, उसने हथियार, आईईडी के रिमोट और आत्मघाती जैकेट खरीदने में भी शामिल था। उसकी पत्नी हिना बशीर बेग को आठ साल की कैद की सजा सुनाई गई थी। अदालत ने मामले की सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया।
पटियाला हाउस कोर्ट के न्यायाधीश चंदर जीत सिंह ने अपने अदालती निर्णय में सॉफ्टवेयर इंजीनियर जहानजैब सामी को 20 साल की कैद की सजा सुनाई। सामी ने अपने अपराध को स्वीकार किया था, जिसमें उसने स्वात अल हिंद और वॉयस ऑफ हिंद पत्रिकाओं की तैयारी की थी। उसका अपराध भोले-भाले युवाओं को ऑर्थोडॉक्स बनाने में था। अदालत ने उसे हथियार, आईईडी के रिमोट, और आत्मघाती जैकेट की खरीदारी में भी शामिल होने का आरोप लगाया। उसकी पत्नी हिना बशीर बेग को भी आठ साल की कैद की सजा सुनाई गई थी।
कोर्ट ने एक और दोषी, अब्दुल्ला बासित को पहले ही सजा सुना दी गई थी। उसे पूरी की जा चुकी अवधि की सजा मिली थी। सादिया अनवर शेख सादिया, जो गिरफ्तारी के समय पत्रकारिता की छात्रा थी, को 7 साल की सजा सुनाई गई। नबील सिद्दीक को यहां 15 साल की कैद का फैसला सुनाया गया, क्योंकि उसने भारत में आईएसआईएस की गतिविधियों को बढ़ाने के लिए धन जुटाया था।
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