India News Delhi (इंडिया न्यूज), IGI Airport: गांव मल्लौर में नवजोत सिंह की किसानी से जुड़ी कहानी अपने आप में एक रोचक चित्र है। उनकी आंखों में जब से कनाडा का सपना बसा, तब से उनका मन किसी भी मुश्किले का सामना करने के लिए तैयार हो गया था। परिश्रम के साथ वह खेती में काम किया करते थे, लेकिन अपने सपनों को पूरा करने के लिए वह निरंतर प्रयास करते रहे। हालांकि, उनका सपना कनाडा जाने का रास्ता आसान नहीं था। उन्हें इमीग्रेशन डिपार्टमेंट ने ब्लैक लिस्ट किया था, जिससे उन्हें अपने पासपोर्ट पर अपने सपनों के देश की यात्रा नहीं करने दी जा सकती थी। फिर भी, उन्होंने हार नहीं मानी।
अपने दोस्त के साथ की बातचीत में उन्होंने अपने सपने को बांधने की ठानी। अपने दोस्त के जरिए उन्हें एक ऐसा व्यक्ति मिला जो उनकी मदद कर सकता था। नवजोत की इस उम्मीद में, उनका सपना कनाडा पहुंचने के करीब था।
नवजोत सिंह की कनाडा की ब्लैकलिस्ट पर अनुपस्थिति के पीछे कारण उसके पूर्व पुराने काम थे। 2019 में, उन्होंने गैर कानूनी रास्तों से अमेरिका जाने की कोशिश की थी, जिसका परिणाम उनकी अमृतसर एयरपोर्ट से डिपोर्टेशन हुआ था। इस घटना के बाद, अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों ने उन्हें गिरफ्तार किया और उन्हें भारत के लिए डिपोर्ट किया गया था। इस मामले में, अमृतसर पुलिस ने उनके खिलाफ केस दर्ज किया था।
इस डिपोर्टेशन के बाद, नवजोत सिंह का नाम और पासपोर्ट न केवल अमेरिका, बल्कि कनाडा के इमीग्रेशन डिपार्टमेंट ने भी ब्लैकलिस्ट में डाल दिया था। इस परिणामस्वरूप, उन्हें कनाडा जाने के लिए किसी भी विधि में पास माना नहीं गया।
नवजोत अपने एक दोस्त के साथ मिलकर मोहाली के ट्रैवल एजेंट से मिला। इस मुलाकात में, एजेंट ने नवजोत को बताया कि वह उसे कनाडा भेज सकता है। नवजोत और एजेंट के बीच की डील 28 लाख रुपए में हुई। इसके बाद, एजेंट ने नवजोत को जगदेव सिंह अहूजा नामक ट्रैवल एजेंट से मिलाया। जगदेव सिंह ने हरदीप सिंह नाम के व्यक्ति के लिए पासपोर्ट अरेंज किया था, जो नवजोत के नाम पर था।
आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस के उपायुक्त उषा रंगनानी ने बताया कि हरदीप सिंह को एयर कनाडा की फ्लाइट AC-043 से कनाडा के लिए रवाना होना था। चेक-इन के दौरान, एयरलाइंस के कर्मचारी ने उनके पासपोर्ट पर लगी फोटो को देखकर आलोचना की क्योंकि वह व्यक्ति से अलग दिख रही थी। इस आलोचना के बाद, एयरलाइन के कर्मचारी ने इस विषय को इमीग्रेशन ब्यूरो के अधिकारियों को सूचित किया। इमीग्रेशन अधिकारियों ने भी इसे गंभीरता से लिया और हरदीप सिंह को आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस के पास भेज दिया।
पूछताछ के दौरान, नवजोत ने खुलासा किया कि 28 लाख रुपए की डील में उसने सपिंदर को छह लाख रुपए दे दिए थे, जबकि बाकी रकम का भुगतान कनाडा पहुंचकर किया जाना था। उसके मंसूबे सफल होने से पहले ही उसे आईजीआई एयरपोर्ट पर अरेस्ट कर लिया गया था। उसे पूछताछ के दौरान सपिंदर सिंह और जगदेव सिंह जैसे दोनों एजेंटों के नामों का भी खुलासा किया गया था।
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