India News Delhi (इंडिया न्यूज़), MCD Delhi: दिल्ली नगर निगम ने अपने सैलरी सिस्टम को पूरी तरह से पेपरलेस बनाने की दिशा में काम शुरू कर दिया है। इस नए सिस्टम के तहत, जुलाई महीने में एमसीडी में काम करने वाले ए, बी और सी श्रेणी के अधिकारियों और कर्मचारियों को उनकी सैलरी का भुगतान किया जाएगा। इस पहले चरण के सफल होने के बाद, इसी सिस्टम के तहत ग्रुप डी के कर्मचारियों की सैलरी भी देने की योजना है। इस स्थिति में, सैलरी सिस्टम को अपग्रेड करने से संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों का काफी समय बचेगा।
दिल्ली नगर निगम ने अपने सैलरी सिस्टम को बेहतर और पारदर्शी बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। अडिशनल कमिश्नर (फाइनैंस) वीर सिंह यादव ने इस संदर्भ में नए सैलरी सिस्टम की शुरुआत के लिए जोनल DCP से लेकर DDO तक के अन्य अधिकारियों की भूमिका को स्पष्ट रूप से निर्धारित की है। इस नए सिस्टम में ऑटोमेटिक तरीके से लास्ट पे सर्टिफिकेट जनरेट होगा, जिससे व्यवस्था बेहतर होगी।
साथ ही, ट्रांसफर, प्रमोशन और एमएसीपी आदि के लिए भी लास्ट पे सर्टिफिकेट की तर्ज पर जनरेट होने के बाद संबंधित ब्रांच और यूनिट की अकाउंट ब्रांच के पास फॉरवर्ड किए जाएंगे। इसके अलावा, डीडीओ हर महीने 10 प्रतिशत सैलरी बिलों की जांच करेंगे और सैलरी से संबंधित बिलों को अनुमोदन से पहले ई ऑफिस पर जांचा जाएगा।
एमसीडी में लगभग 1.50 लाख अधिकारी और कर्मचारी को अब तक परंपरागत तरीके से ही सैलरी दी जा रही है। प्रत्येक महीने, हर विभाग में तैनात कर्मचारियों की उपस्थिति का रिकॉर्ड तैयार किया जाता है और इसे जोनल ऑफिस में सैलरी भुगतान से संबंधित काम देखने वाले विभाग के पास भेज दिया जाता है। क्लर्क रिकॉर्ड कंप्यूटर पर अपलोड करते हैं। इस प्रक्रिया में, 12 जोन और हेड ऑफिस में अलग-अलग विभागों का ध्यान रखा जाता है ताकि सैलरी बनाने के काम में कोई अविश्वसनीयता न हो। इस नए सिस्टम के अंतर्गत, अधिकारियों और कर्मचारियों को समय की बचत होने की संभावना है।
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