India News Delhi (इंडिया न्यूज़), New Noida: उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर के दादरी और बुलंदशहर के गांवों में बसने वाले लोगों के लिए नए नोएडा के मास्टर प्लान को जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है। चुनाव आचार संहिता के समापन के बाद, नोएडा प्राधिकरण जल्द ही मंजूरी के लिए प्रयास करेगा। लगभग पांच महीने पहले प्राधिकरण ने मास्टर प्लान को मंजूर करने के लिए शासन को भेजा था।
दिसंबर 2023 में हुई 213वीं बोर्ड बैठक में नोएडा प्राधिकरण ने नए नोएडा के मास्टर प्लान 2041 को मंजूरी दी थी। इस मास्टर प्लान में दादरी-नोएडा-गाजियाबाद को जोड़ने और विशेष निवेश क्षेत्र-डीएनजीआईआर-का नाम दिया गया है। नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के मुताबिक, नया नोएडा करीब 20 हजार हेक्टेयर में बसाया जाएगा।
नए नोएडा में विशेष ध्यान दिया जाएगा और यहां का मुख्य ध्येय होगा इंडस्ट्रियल क्षेत्र को बढ़ावा देना। नये नोएडा में 41 प्रतिशत क्षेत्र औद्योगिक संपत्ति के लिए आवंटित किया गया है। साथ ही, 11.5 प्रतिशत आवासीय, 17 प्रतिशत हरियाली और रीगनल, 15.5 प्रतिशत सड़क, 9 प्रतिशत संस्थागत, और 4.5 प्रतिशत स्थानिक व्यावसायिक संपत्ति के लिए भी क्षेत्र निर्धारित किया गया है। नए नोएडा में कर्मचारियों के लिए आवास की व्यवस्था भी की जाएगी।
माना जा रहा है कि इस नगर की कुल आबादी 6 लाख के करीब होगी, जिसमें 3.5 लाख अनुमानित प्रावासी होंगे। उनके लिए उपयुक्त आवास की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। ईडब्ल्यूएस, एलआईजी, एमआईजी, और एचआईजी इत्यादि के लिए यूनिट बनाई जाएगी। इसके अलावा, कुल आवासीय क्षेत्र 2 हजार हेक्टेयर से अधिक होगा। यह नगर न केवल औद्योगिक नगरी के रूप में उभरेगा, बल्कि शिक्षा की नगरी के रूप में भी प्रसिद्ध होगा। शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए पर्याप्त संख्या में कॉलेज खोले जाएंगे।
नए नोएडा का विकास पांच चरणों में किया जाएगा, जिसकी शुरुआत 2024 में होगी। पहले चरण में, जिसकी योजना 2028 तक है, 10 प्रतिशत जमीन अधिग्रहण से आरंभ होगा और फिर 2028 तक 537.09 हेक्टेयर जमीन पर नया नोएडा का नक्शा तैयार हो जाएगा। दूसरे, तीसरे, चौथे, और पांचवें चरण 2028 से लेकर 2041 तक शुरू होकर 2047 तक पूरे किए जाएंगे।
नये नोएडा में कनेक्टिविटी की भी प्राथमिकता है, जिसमें जेवर एयरपोर्ट के साथ रेलवे कनेक्टिविटी भी शामिल है। इसके साथ ही, पानी सप्लाई और हरित ऊर्जा पर भी ध्यान दिया जा रहा है। नोएडा का 95 प्रतिशत हिस्सा पहले से ही विकसित हो चुका है, और कुछ नए सेक्टर विकसित किए गए हैं। इसलिए, नये नोएडा के विकास की आवश्यकता है ताकि शहर की आबादी का विस्तार किया जा सके। अब तक, जमीन के अतिक्रमण के कारण कुछ सेक्टर में सिर्फ नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के पास ही विकास हो पा रहा है।
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