India News Delhi (इंडिया न्यूज), Noida Airport: नोएडा एयरपोर्ट को दिल्ली-हावड़ा और दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग से जोड़ने की योजना पर काम शुरू हो गया है। इस परियोजना के तहत 61 किमी लंबे ट्रैक पर पांच नए रेलवे स्टेशन बनाए जाएंगे। DPR (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार होने के बाद भारत सरकार और रेल मंत्रालय ने इस प्रॉजेक्ट को मंजूरी दे दी है।
इस नई रेल कनेक्टिविटी से नोएडा एयरपोर्ट का संपर्क देश के महत्वपूर्ण रेल मार्गों से हो जाएगा, जिससे यात्रियों को आवागमन में और भी सुविधा मिलेगी। एनसीआर क्षेत्र में बनने वाले इन नए रेलवे स्टेशनों से क्षेत्रीय विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
नार्थ सेंट्रल रेलवे ने मंगलवार को इस प्रोजेक्ट की DPR तैयार कर प्रस्तुत की है, जिसे भारत सरकार और रेल मंत्रालय ने मंजूरी भी दे दी है। यमुना प्राधिकरण के सीईओ अरुणवीर सिंह ने जानकारी दी कि नोएडा एयरपोर्ट को दिल्ली-हावड़ा और मुंबई रेलमार्ग से जोड़ने की योजना एक वर्ष पहले शुरू हुई थी।
उत्तर मध्य रेलवे को इस परियोजना की स्टडी कर DPR तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। रेलवे ने अब इसका खाका तैयार कर डीपीआर पेश कर दी है। इन दोनों प्रमुख रेलमार्गों को एयरपोर्ट से जोड़ने के लिए 61 किलोमीटर का नया ट्रैक बिछाया जाएगा।
यह ट्रैक हरियाणा के पलवल के पास रुंधी स्टेशन से शुरू होकर यमुना नदी को पार करते हुए उत्तर प्रदेश में प्रवेश करेगा। इसके बाद यह नोएडा एयरपोर्ट से होते हुए बुलंदशहर के चोला स्टेशन पर ख़तम होगा। हम आपको बता दें कि एयरपोर्ट से रुंधी स्टेशन की दूरी 19.20 किलोमीटर होगी। साथ ही साथ चोला स्टेशन से एयरपोर्ट की दूरी 18.6 किलोमीटर होगी।
इसके अलावा, एयरपोर्ट पर GTC तक भूमिगत ट्रैक बनाकर नमो भारत से जोड़ने का भी प्रस्ताव है। बुलेट ट्रेन चलाने को लेकर भी चर्चा जारी है। तीनों ट्रेनों को जीटीसी से जोड़ना आसान नहीं होगा, इसलिए यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (यापल) फिलहाल दो ट्रेनों से जोड़ने पर विचार कर रहा है।
रुंधी, चांदहट, जेवर खादर, नोएडा एयरपोर्ट, जहांगीरपुर, बीघेपुर, और चोला। इनमें रुंधी और चोला स्टेशन पहले से ही बने हुए हैं।
नोएडा एयरपोर्ट को रेलमार्ग से जोड़ने के लिए ग्राउंड ट्रांसपोर्टेशन सेंटर (जीटीसी) तक भूमिगत ट्रैक बनाने पर विचार हो रहा है। इसके लिए भूमिगत ट्रैक या स्टेशन बनाने की योजना है। हालांकि, अभी इस बात की रूपरेखा तैयार नहीं हुई है कि जीटीसी को जोड़ने के लिए कितने किलोमीटर का भूमिगत ट्रैक बिछाया जाएगा।
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