India News Delhi (इंडिया न्यूज), Ram Mandir Surya Tilak: राम मंदिर में विज्ञान और सांस्कृतिक धारा के मिलन का अद्वितीय प्रदर्शन दिखाई दिया। आज राम लला की मूर्ति को आश्चर्यजनक ‘सूर्य तिलक’ से सजाया गया, जो वैज्ञानिक नवाचार का प्रयोग करके संभव हुआ। यह असाधारण कृतिकला एक समर्पित भारतीय वैज्ञानिक दल ने संचालित की। इस तकनीकी चमत्कार की मूल बात ऑप्टो-मैकेनिकल सिस्टम में है। यह सिस्टम चार दर्पणों और चार लेंसों से बना है, जो पाइपिंग सिस्टम के भीतर जाकर सूर्य के किरणों को गर्भगृह की ओर मोड़ सकता हैं। इस मौके पर वैज्ञानिकों ने उच्च गुणवत्ता के दर्पणों और लेंसों का प्रयोग किया। साथ ही, इस प्रक्रिया में सूर्य की गर्मी की तरंगों को सीधे मूर्ति के माथे पर न पड़ने देने के लिए एक इन्फ्रारेड फिल्टर ग्लास का भी प्रयोग किया।
इन प्रयासों का परिणाम स्वरूप ‘सूर्य तिलक’ का उत्पन्न हुआ| यह दिव्यता का प्रतीक है जो राम लला की मूर्ति के माथे पर ध्यानपूर्वक रखा गया। यह अनुष्ठान राम नवमी के पावन अवसर पर प्रारंभ हुआ, जो परंपरा और आधुनिकता के संगम का प्रतीक है, जहां वैज्ञानिक प्रगति सांस्कृतिक प्रथाओं को समृद्ध करने में योगदान करती है।
राम मंदिर के इस प्रोजेक्ट में, सीबीआरआई, रूड़की, और आईआईएपी, बेंगलुरु के बीच सहयोग हुआ। वैज्ञानिकों ने सूर्य की किरणों को मंदिर की गर्भगृह के साथ सही ढंग से मिलाया। इस अनोखे प्रयास से विज्ञान की शक्ति का उपयोग किया गया, जिससे हमारे सांस्कृतिक धरोहर को सुरक्षित और प्रसारित किया जा सकता है। ‘सूर्य तिलक’ राम लला की मूर्ति को सजाने से केवल दिव्यता का प्रतीक ही नहीं, बल्कि वैज्ञानिक उत्कृष्टता का प्रमाण भी है जो विज्ञान और आध्यात्म के क्षेत्रों को एक साथ लाने में मानव प्रयास की अद्वितीय भावना को दिखाता है।
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