होम / Siachen Day: दुनिया की सबसे खतरनाक जगह कैसे मौत को मात देकर देश की रक्षा कर रहे जवान, देखकर गर्व होगा

Siachen Day: दुनिया की सबसे खतरनाक जगह कैसे मौत को मात देकर देश की रक्षा कर रहे जवान, देखकर गर्व होगा

• LAST UPDATED : April 13, 2024

India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Siachen Day: दुनिया का सबसे ऊंचा युद्धक्षेत्र, जिसकी ऊंचाई 20 हजार फीट है, जहां तापमान शून्य से 50 डिग्री सेल्सियस नीचे चला जाता है। जिसके एक तरफ पाकिस्तान है और दूसरी तरफ चीन है। 13 अप्रैल 1984 को शुरू हुआ यह दुनिया का एकमात्र सैन्य अभियान है, जो अब भी जारी है। 76 किलोमीटर लंबा सियाचिन दुनिया का दूसरा सबसे लंबा ग्लेशियर माना जाता है। सियाचिन, जिसे स्थानीय बाल्टी भाषा में वाइल्ड रोज़ भी कहा जाता है, पूरे साल बर्फ से ढका रहता है। हालांकि यहां ऑपरेशन 13 अप्रैल 1984 को ही शुरू हो गया था, लेकिन इसकी तैयारियां 1972 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए ‘शिमला समझौते’ के तुरंत बाद ही शुरू हो गई थीं।

1978 में पहली लैंडिंग

शुरुआत में सियाचिन ग्लेशियर पर हेलीकॉप्टर उतारने की जिम्मेदारी एवीएम मनमोहन बहादुर को दी गई थी। यह एक ऐसा साहसी मिशन था, जिसे दो हेलीकॉप्टर पायलटों ने फ्रांस निर्मित अलौटे III (चेतक) हेलीकॉप्टर का उपयोग करके अंजाम दिया था। सियाचिन ग्लेशियर में यह मिशन आज भी भारतीय वायुसेना के ऑपरेशन के इतिहास में एक मील के पत्थर के रूप में गिना जाता है।

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Indian Army (@indianarmy.adgpi)

 

वीरों का सम्मान

दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर की मिट्टी भारतीय सेना के उन वीरों का सम्मान बढ़ा रही है, जिन्होंने अपनी जान की बाजी लगाकर कड़ाके की ठंड में भी पाकिस्तान को खदेड़ दिया। गुरुवार 13 अप्रैल को सियाचिन दिवस मना रही सेना सियाचिन युद्ध स्मारक पर शहीदों को याद कर उनके पदचिन्हों पर चलने की प्रेरणा लेगी। इस बार सेना ने सियाचिन वीरों के सम्मान में ग्लेशियर की मिट्टी और युद्ध की यादें ताजा करने वाली तस्वीरें उनके घर भेजी हैं। सियाचिन दिवस पर शहीदों के परिजनों के संदेशों के साथ ही परमवीर चक्र विजेता कैप्टन बाना सिंह का वीडियो संदेश चलाकर जवानों का हौसला बढ़ाया जाएगा।

सर्दियों में तापमान साठ डिग्री नीचे चला जाता है

पश्चिमी लद्दाख में 76 वर्ग किलोमीटर में फैले सियाचिन ग्लेशियर में सर्दियों में तापमान शून्य से साठ डिग्री नीचे चला जाता है। आपको बता दें कि 13 अप्रैल 1984 से सियाचिन ग्लेशियर में चल रहे ऑपरेशन मेघदूत को 39 साल पूरे हो गए हैं। सियाचिन दिवस से पहले सेना के जवान सियाचिन से जम्मू के आरएस पुरा में परमवीर चक्र विजेता कैप्टन बाना सिंह के घर पहुंचे। उन्होंने कैप्टन बाना सिंह का सैनिकों के नाम संदेश का वीडियो रिकॉर्ड किया और उसे अपने साथ ले गए। इसके अलावा अन्य शहीदों के परिजनों को उनके घर जाकर सम्मानित किया गया। इनमें शहीद वीर चक्र विजेता कैप्टन साहिल शर्मा की मां किरण शर्मा भी शामिल थीं।

ये भी पढ़े: Aam Aadmi Party: आतिशी बोलीं, दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने की तैयारी!

कैप्टन साहिल ने 1995 में ऑपरेशन अमन में अपने प्राणों की आहुति दी थी। शहीद वीर चक्र विजेता सूबेदार बहादुर सिंह की पत्नी प्यारी देवी, 1984 में सियाचिन के बिलफोंडा ला में अपने प्राणों की आहुति देने वाले लांस नायक चंचल सिंह की पत्नी दुर्गा देवी, 1995 में टाइगर सैडल में अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर चक्र विजेता हवलदार सुरेन्द्र सिंह की पत्नी अनीता देवी तथा बिलफोंडा ला में अपने प्राणों की आहुति देने वाले कीर्ति चक्र विजेता नायक उमेश चन्द्र की पत्नी देवकी देवी को सम्मानित किया गया।

सैनिकों का मनोबल ऊंचा रहना चाहिए

जून 1987 में सियाचिन ग्लेशियर में 21 हजार 153 फीट की ऊंचाई पर भारतीय चौकी को पाकिस्तान से वापस लेने वाले परमवीर चक्र विजेता कैप्टन बाना सिंह का कहना है कि शहीदों को कभी भुलाया नहीं जा सकता। शहीदों के परिजनों का हौसला बढ़ाकर सेना ने सराहनीय काम किया है। सियाचिन ग्लेशियर में भारतीय सैनिक दृढ़ इच्छाशक्ति से असंभव को संभव बना रहे हैं। जरूरी है कि उनका मनोबल ऊंचा रहे। सियाचिन ग्लेशियर बेहद महत्वपूर्ण है सियाचिन ग्लेशियर का साल्टोरो रिज इलाका पाकिस्तान और चीन के बीच दीवार की तरह है। पाकिस्तान की साजिश इस इलाके पर कब्जा कर इसे चीन में मिलाने की थी, लेकिन भारतीय सेना ने इस मंसूबे को नाकाम कर दिया। सियाचिन में भारतीय सेना के तीन हजार जवान देश की सेवा कर रहे हैं।

ये भी पढ़े: Delhi Government: दिल्ली के मुख्य सचिव के खिलाफ FIR दर्ज, भ्रष्टाचार के आरोप!

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
mail logo

Subscribe to receive the day's headlines from India News straight in your inbox