India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Maa Kali Temple Mystery: मधुबनी में स्थित कोईलख भगवती सिद्ध पीठ के दर्शन के लिए भक्त दूर-दूर से आते हैं। मां करती सबकी मनोकामना पूर्ण करती हैं। मां का यह मंदिर करीब 300 सालों से भी ज्यादा पुराना है। यहां के पुजारी बताते हैं कि मां सीता की कुलदेवी यानी कि जनक की कुलदेवी हुआ करती थी। जो लगभग 300 वर्ष से भी ज्यादा पहले कोईलख गांव से होकर लक्ष्मण नदी निकलती है, ऐसे में बाढ़ के पानी के बहाव के साथ राजा जनक की कुल देवी भी बह कर इस गांव में आ गईं है।
क्या है कोईलख भगवती का इतिहास
मधुबनी जिला में स्थित कोईलख भगवती सिद्ध पीठ की बहुत प्रसिद्ध है। ऐसा माना जाता है कि जो भक्तगण यहां सच्चे मन आता है उसकी सभी मनोकामना पूरी होती है। बता दें यहां भक्त बहुत दूर-दूर से अपनी समस्या को लेकर माता के दरबार में आते हैं और मां उनकी सभी इच्छाओं को पूरी करती हैं। मां का यह मंदिर करीब 300 सालों से भी ज्यादा पुराना बताया जा रहा है। साथ यहां से जुड़ी कहावत है कि जनक नंदनी मां सीता की कुल देवी हैं ये कोईलख भगवती।
रुद्र रूप की होती है पूजा
पंडित आगे बताते है कि इस मंदिर में मां काली के रुद्र रूप की पूजा होती है। माता की मूर्ति में भी साफ-साफ देखा जा सकता है कि मां चंडी शिव के माथे पर पैर रखे क्रोध में हैं और उनको शांत करने के लिए स्वयं शिव बीच रास्ते में लेट जाते है, ताकि महाकाली क्रोध त्याग दे और शिव सृष्टि को बचा सके।
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हर दिन दी जाती है बलि
यहां के पंडित बताते हैं कि इस मंदिर में साल के 365 दिन यानि कि प्रतिदिन बली भी दी जाती है। इसके साथ खोईंचा भी भरा जाता है। इस मंदिर में आए दिन भक्तों की भीड़ को देखा जा सकता है। यहां के ग्रामीण माता रानी की पूजा करते है, कहीं और करने का प्रयास भी नहीं करते।