India News(इंडिया न्यूज़), Vishnu Ji: सनातन परंपरा में कई कहानियां हैं जो भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी से जुड़ी हैं। इन्हीं में से एक कहानी है जो बताती है कि एक बार भगवान विष्णु ने देवी लक्ष्मी को एक भयानक श्राप दिया था। इस श्राप के कारण माता लक्ष्मी को दिक्कत का सामना करना पड़ा। श्री हरि ने देवी लक्ष्मी को क्यों और कौन सा श्राप दिया?
वैकुण्ठ में सफेद घोड़ा आया
एक बार वैकुण्ठ में भ्रमण करते समय एक सफेद घोड़ा आया। उस घोड़े की सुंदरता देखकर माता लक्ष्मी का ध्यान भगवान विष्णु से हट गया। माता लक्ष्मी उस घोड़े को देखकर पूरी तरह खो गईं। उधर, भगवान विष्णु आंखें बंद करके मां लक्ष्मी से बात कर रहे थे।
भगवान विष्णु क्रोधित हो गए (Vishnu Ji)
इसी बीच भगवान विष्णु बातों-बातों में माता लक्ष्मी से प्रश्न करने लगे। माता लक्ष्मी की ओर से कोई प्रतिक्रिया न मिलने पर श्रीहरि ने अपनी आंखें खोल दीं। उन्होंने देखा कि माता लक्ष्मी का ध्यान उनकी बातों पर नहीं बल्कि घोड़े पर है।इसके बाद श्रीहरि ने माता लक्ष्मी को पृथ्वी पर घोड़ा बनने का श्राप दे दिया।
भगवान शिव ने दिया वरदान
श्राप से दुखी होकर माता लक्ष्मी घोड़े के गर्भ में चली गईं और तपस्या करने लगीं। माता लक्ष्मी ने तपस्या करके भगवान शिव को प्रसन्न किया और वरदान मांगा। वरदान यह था कि भगवान शिव भगवान विष्णु को देवी लक्ष्मी से मिलने की याद दिलाएंगे। इसके बाद भगवान शिव ने भगवान विष्णु को घोड़े के रूप में माता लक्ष्मी के पास भेजा।
ऐसे हुए मां लक्ष्मी श्राप से मुक्त
श्रीहरि और मां लक्ष्मी ने अश्व योनि में अश्व रूप में एक साथ समय बिताया था। इस मिलन के फलस्वरूप उन्हें एकवीर नाम का अत्यंत तेजस्वी पुत्र प्राप्त हुआ। एकवीर के जन्म के बाद माता लक्ष्मी श्राप से मुक्त हो गईं और वैकुंठ लौट गईं। इस कारण माता लक्ष्मी को भगवान विष्णु द्वारा दिया गया श्राप सहना पड़ा।