Monday, May 20, 2024
Homeट्रेंडिंग न्यूज़Hanuman Ji: कहां होती है हनुमान जी की काले रंग की मूर्ति...

Hanuman Ji: कहां होती है हनुमान जी की काले रंग की मूर्ति की पूजा, जानें यहां

India News(इंडिया न्यूज़), Hanuman Ji: अगर आप हनुमान जी के मंदिर में जाएंगे तो आपको हर जगह मूर्ति का रंग लाल या केसरिया ही नजर आएगा। लेकिन, क्या आपने किसी मंदिर में काले कीमती पत्थर से बनी हनुमान जी की मूर्ति देखी है। अगर नहीं तो आज हम आपको ‘श्री नल्ला हनुमान मंदिरम’ में प्रतिष्ठित काले हनुमान जी के बारे में बता रहे हैं। इसके अलावा देश में दो अन्य स्थानों पर भी काले हनुमान जी की प्रतिमाएं हैं।

नल्ला हनुमान मंदिरम (Hanuman Ji)

श्री नल्ला हनुमान मंदिरम में काले पत्थर से बनी हनुमान मूर्ति की स्थापना के पीछे एक कहानी बताई जाती है। कहा जाता है कि उस समय यह क्षेत्र घने जंगल का हिस्सा था। एक दिन मूर्ति का निर्माता मूर्ति को बैलगाड़ी पर रखकर संत शिरोमणि मठ में स्थापित करने के लिए ले जा रहा था। अचानक बैलगाड़ी इस स्थान पर रुक गई। उसने बैलगाड़ी को हिलाने की बहुत कोशिश की, लेकिन वह तनिक भी नहीं हिली। उसी रात, भगवान हनुमान ने संत शिरोमणि सद्गुरु महाराज स्वामी को एक सपने में दर्शन दिए और उन्हें ट्रेन स्टॉप के पश्चिम दिशा में मूर्ति स्थापित करने के लिए कहा। 1836 में उन्होंने घने जंगल में निर्दिष्ट स्थान पर काले पत्थर से बनी हनुमान की मूर्ति स्थापित की।

तेल से अभिषेक

मंदिर में काले रंग के हनुमान जी के अलावा भगवान दत्तात्रेय की मूर्ति के सामने एक और मूर्ति भी स्थापित की गई थी। अब यह क्षेत्र निज़ामाबाद शहर का केंद्र बन गया है। यहां के पुजारी नियमित रूप से हनुमानजी की मूर्ति का तेल से अभिषेक करते हैं। इसके बाद श्री नल्ला हनुमान जी का चंदन से श्रृंगार करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि यदि कोई व्यक्ति मंदिर में श्री नल्ला हनुमान जी की 108 परिक्रमा करता है, तो उसके मन को शांति मिल सकती है। यहां पहुंचने वाले भक्त अपनी रक्षा और अपने बुरे कर्मों का प्रायश्चित करने की इच्छा से आते हैं।

जयपुर में भी है मंदिर

निज़ामाबाद के अलावा राजस्थान के जयपुर में भी हनुमान जी की दो काले रंग की मूर्तियाँ हैं। इनमें से एक मूर्ति चांदी की टकसाल में है और दूसरी जलमहल के पास है। कहा जाता है कि आमेर के राजा जयसिंह ने रक्षक के रूप में जयपुर के सांगानेरी गेट के अंदर काले हनुमान जी की पूर्वाभिमुख प्रतिमा स्थापित कराई थी। जयपुर का यह मंदिर काफी मनमोहक है। बाहर से यह मंदिर किसी महल जैसा दिखता है। मंदिर में हनुमान जी के अलावा अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां भी स्थापित की गई हैं।

काले हनुमान जी की कहानी

पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब हनुमान जी ने अपनी शिक्षा पूरी की तो उन्होंने अपने गुरु सूर्यदेव से दक्षिणा मांगने की बात कही। सूर्यदेव ने कहा कि उनका पुत्र शनिदेव उनकी बात नहीं मानता। उन्हें गुरु दक्षिणा में शनिदेव को अपने पास लाना चाहिए। हनुमान जी शनिदेव के पास गए, लेकिन जैसे ही शनिदेव ने उन्हें देखा तो क्रोधित हो गए। उसने हनुमान जी पर अपनी कुदृष्टि डाली, जिससे उनका रंग काला पड़ गया। फिर भी हनुमान जी शनिदेव को सूर्यदेव के पास ले आये। ऐसे में हनुमान जी की गुरु भक्ति से प्रभावित होकर शनिदेव ने उन्हें वचन दिया कि यदि कोई शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा करेगा तो उस पर उनकी वक्र दृष्टि का प्रभाव नहीं पड़ेगा।

ये भी पढ़े:
SHARE
- Advertisement -
Nidhi Jha
Nidhi Jha
Journalist, India News, ITV network.
RELATED ARTICLES

Most Popular