India News Delhi (इंडिया न्यूज), Iran Israel War: द्वितीय विश्व युद्ध पूरी दुनिया में विनाश, तबाही और पीड़ा का कारण बना। इस युद्ध से लाखो लोगों की मौत भी हुई। इसके साथ साथ अनगिनत परिवार बेघर और अलग भी हो गए। इस युद्ध की वजह से ग्रेट ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, इटली और बेल्जियम जैसे बड़े देशो के कुछ प्रमुख औद्योगिक और सांस्कृतिक जगहों सहित कई शहर भी तबाह हो गए। इस युद्ध ने दुनिया भर में काफी दुःख और पीड़ा पैदा करी जैसे जर्मनी में 70% आवास खत्म हो गए। वहीं सोवियत संघ में 1500 से ऊपर शहर और 70 हजार गांव नष्ट हो गए थे। साथ ही साथ वह पर स्तिथ फ़ैक्टरिया और कार्यशालाएं बर्बाद हो गई थीं। साथ ही साथ कई जंगल और खेत भी नष्ट हो गए थे.
यूरोप में युद्ध की वजह से कई शहर तबाह हो गए और लाखो लोगों को बेघर होना पड़ा। जर्मनी में, 70% आवास नष्ट हो गए और सोवियत संघ में, 1,700 शहरों और 70,000 गांवों को ध्वस्त किया गया। यहां तक कि अनुमानित दो करोड़ दस लाख शरणार्थी भी थे, जिन्हें जबरन श्रम के लिए उनके घर से निकाल दिया गया|
जापान में, अमेरिका द्वारा रणनीतिक बमबारी ने शहरी क्षेत्रों को भी नष्ट किया। 66 शहरों के बने हुए क्षेत्रों का 40% नष्ट हो गया और हिरोशिमा और नागासाकी के परमाणु विस्फोटों ने आम नागरिकों पर अजीबोगरीब और स्थाई नुकसान का आभास किया।
युद्ध के दौरान ब्रिटेन को भारी आर्थिक नुकसान हुआ था। ब्रिटेन सरकार ने लोगों की देखभाल और सेना को पुनः संगठित करने के लिए काम किया किया था। जर्मनों ने यूरोप में अपने कब्जे वाले क्षेत्रों के संसाधनों और खेतों को नष्ट किया और लोगों को जबरन मजदूरी कराई। ब्रिटेन में जर्मनों द्वारा लंबे समय तक बमबारी की गई, जिससे दक्षिणी इंग्लैंड को कमजोर किया गया। ब्लिट्ज के दौरान बहुत से घर नष्ट हो गए और बहुत से लोगों की जानें गई या घायल हो गई। युद्ध के प्रारंभिक वर्षों में नागरिकों को भी सैनिकों से ज्यादा जोखिम था।
जर्मनी में मित्र देशों की बमबारी ने कई शहरों को समतल कर दिया। इस हमले के कारण 70 लाख से अधिक लोगों को अपने घर छोड़ना पड़ा। लगभग छह लाख नागरिकों की मौत हो गई और आठ लाख 50 हजार लोग घायल हो गए। एएएफ छापे ने देशभर में कुल आवास स्टॉक के लगभग 20 प्रतिशत को नष्ट कर दिया, और बड़े शहरों में आवास स्टॉक का 45 प्रतिशत क्षतिग्रस्त हो गया। उदाहरण के लिए, वूर्ज्बर्ग में निर्मित क्षेत्र का 89% नष्ट हो गया, जबकि हेम्बर्ग और वुप्पर्टल का 75% और रम्सचे और बोचुम का आंकड़ा 83% था।
फ्रांस में हुई हानि ने उसकी वार्षिक राष्ट्रीय आय को तीन गुना का नुकसान पहुंचाया। इस हमले के परिणामस्वरूप, बेल्जियम और नीदरलैंड को अपने संसाधनों के समान अनुपात में नुकसान झेलना पड़ा। ग्रेट ब्रिटेन में लगभग 30 प्रतिशत घरों को नष्ट या क्षतिग्रस्त होना पड़ा था, जबकि यह आंकड़ा फ्रांस, बेल्जियम और नीदरलैंड में लगभग 20 प्रतिशत था। इन सभी कब्जे वाले देशों में जनशक्ति की कमी, कृषि पशुओं के विनाश, मशीनरी और उर्वरकों की कमी के कारण कृषि सुविधाओं पर भारी असर पड़ा। साथ ही, प्रमुख रेल केंद्रों और पुलों पर बम फोड़े गए, जिस वजह से परिवहन सिस्टम तबाह हो गया!
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