India News (इंडिया न्यूज),Supreme Court News: आरक्षण को लेकर पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी है कि पिछड़े वर्गों में सबसे पिछड़े समुदायों की पहचान होनी चाहिए और उन्हें रोजगार के मौके का लाभ उठाने के लिए साधन उपलब्ध कराए जाने चाहिए। उनका कहना है कि, जो लोग सरकारी सेवा में उच्च प्रतिनिधित्व के जरिए आगे बढ़ चुके है। सरकारी नौकरी कर रहे। उन्हें अनुसूचित जाति यानी SC के दायरे में वंचित समुदायों के लिए रास्ता बनाना चाहिए।
वहीं, सरकार का यह कहना है कि, ‘पिछड़ी जातियों में से सबसे पिछड़े तबके के लोगों को अलग से पहचाना जाना चाहिए और उन्हें आरक्षण का लाभ भी मिलना चाहिए। सरकार के अनुसार, अनुसूचित जाति समुदायों के 43% लोग राज्य सरकार में 81% अनुसूचित जाति पदों पर है।
पंजाब सरकार की इस दलील पर जस्टिस गवई ने पूछा, ‘अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (SC/ST) समुदाय का एक आदमी, IAS और IPS जैसी केंद्रीय सेवाओं में शामिल होने के बाद, सर्वोत्तम सुविधाओं तक पहुंच जाता है। फिर भी उसके बच्चे और उनके बच्चों को आरक्षण का लाभ मिलता रहता है। क्या यह जारी रहना चाहिए?’ दलीलें जटिल हैं, लेकिन सरल शब्दों में कहें तो, पंजाब सरकार का मानना है कि आरक्षण का लाभ उठा चुके लोगों को अब छोड़ देना चाहिए ताकि कम भाग्यशाली लोगों को भी मौके मिल सकें।