India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Hanuman Jayanti 2024: हनुमान जयंती पर भक्त बड़े ही उत्साह और भक्ति के साथ हनुमान जी की पूजा करते है। जैसा की हम जानते है की आज यानी 23 अप्रैल को हनुमान जायन्ति है, तो इस पवन अवसर पर हम आपको बतायेंगे कि क्यों हनुमान जी को मृत्युदंड मिला था। हनुमान जी का एक अत्यंत महत्वपूर्ण किस्सा है, जब उन्हें श्रीराम ने मृत्युदंड की सजा सुनाई थी। यह घटना उस समय की है, जब श्रीराम अपने पराक्रम से लंका पर विजय प्राप्त कर चुके थे और रावण का वध किया था। श्रीराम ने विभीषण को लंका का राजा बनाया और स्वयं अयोध्या लौट गए।
एक दिन, श्रीराम के दरबार में दर्शनार्थी ऋषियों का आगमन हुआ और उन्होंने सभी को अभिवादन किया। नारद मुनि ने हनुमान जी को भी ऋषियों का अभिवादन करने के लिए आमंत्रित किया। लेकिन नारद जी ने धोखाधड़ी से हनुमान जी को यह बताया कि वे ऋषियों का अभिवादन न करें। हनुमान जी ने उनकी बात का पालन किया और ऋषि विश्वामित्र का सम्मान नहीं किया। लेकिन, ऋषि विश्वामित्र को इस घटना से कोई प्रभाव नहीं पड़ा।
नारद जी ने देखा कि ऋषि विश्वामित्र को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ रहा, तो वे उन्हें उकसाने लगे। ऋषि विश्वामित्र क्रोधित हो गए और सीधे श्रीराम के पास गए, हनुमान जी को मृत्युदंड देने के लिए कहते हुए। क्योंकि श्रीराम ऋषि विश्वामित्र के छात्र थे, उन्होंने अपने गुरु की आज्ञा का पालन किया और हनुमान जी को बाणों से मारने का आदेश दिया।
हनुमान जी को मृत्युदंड के लिए प्रस्तुत किया गया। लेकिन, सबके आश्चर्य के लिए, उन्हें बाण से कोई भी नुकसान नहीं हुआ, क्योंकि वे लगातार राम नाम का जाप कर रहे थे। श्रीराम ने अपने गुरु के वचन का पालन किया और हनुमान जी पर बाणों का कोई प्रभाव नहीं हुआ, इसलिए उन्होंने ब्रह्मास्त्र का उपयोग करने का निर्णय लिया। लेकिन, हनुमान जी के राम मंत्र ने इस ब्रह्मास्त्र को भी विफल कर दिया। इस अनूठी घटना के कारण, नारद जी और ऋषि विश्वामित्र ने हनुमान जी की अग्निपरीक्षा को रोक दिया और अपनी गलती स्वीकार की।
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