India News(इंडिया न्यूज़),kamal Nath: मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ और उनके बेटे नुकुल नाथ के कांग्रेस छोड़कर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल होने की अटकलों से राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। कमलनाथ की बगावत की खबर से पूरी कांग्रेस पार्टी में भूचाल आ गई है। ऐसा इसलिए क्योंकि कमलनाथ की कांग्रेस के सबसे वफादार नेताओं में गिनती की जाती है। उन्होंने 22 साल की उम्र में पार्टी का हाथ थामा था. उनकी पार्टी में हैसियत इसी बात से समझी जा सकती है कि देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने एक बार कहा था कि कमलनाथ उनके तीसरे बेटे जैसे हैं।
ऐसे में अगर कमलनाथ अपने सहयोगियों के साथ भाजपा में शामिल हो जाते हैं, तो लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस के लिए सबसे तगड़ा झटका माना जाएगा। बता दें, वो कमलनाथ ही हैं, जिसने एमपी में कांग्रेस को 15 साल के लंबे इंतजार के बाद सत्ता में वापसी कराया। वहीँ, कांग्रेस के लिए यह कोई पहली बार नहीं है, जब उसके पुराने सहयोगी ने बगावत की है। बल्कि इससे पहले भी कई दिग्गज नेताओं ने कांग्रेस को छोड़ दिया और बीजेपी के साथ जुड़ गए।
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और कांग्रेस के दिग्गज नेता अशोक चव्हाण) मंगलवार 13 फरवरी को बीजेपी में शामिल हो गए। उन्होंने कहा कि उन्होंने बेहतर अवसरों के लिए कांग्रेस पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल होने का फैसला किया है। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि ‘देश का मूड’ भाजपा के पक्ष में है। BJP ने उन्हें सम्मान देते हुए महाराष्ट्र से राज्यसभा चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार बना दिया।
2021 में पंजाब के पूर्व सीएम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया था और BJP में शामिल हो गए। बता दें, देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कहने पर ही कैप्टन ने राजनीति में कदम रखा था और कांग्रेस का साथ हुए थे। हालाँकि, बाद में उन्होंने कांग्रेस का साथ छोड़कर भाजपा में शामिल होना अच्छा समझा।
बता दें, उत्तराखंड के पूर्व सीएम विजय बहुगुणा भी उन पूर्व मुख्यमंत्रियों में शामिल हैं, जिसने कांग्रेस का हाथ छोड़कर BJP के कमल में बैठ गए। बहुगुणा मई 2016 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए। तब बहुगुणा अपने साथ 8 अन्य पूर्व विधायकों को लेकर बीजेपी में शामिल थे।
मालूम हो, आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम किरण कुमार रेड्डी ने भी 2023 में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था और BJP में शामिल हो गए। हालांकि इससे पहले भी रेड्डी तेलंगाना अलग राज्य की मांग को लेकर 2014 में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन बाद में 2018 में एक बार फिर से पुरानी पार्टी में शामिल हो गए थे।