India News(इंडिया न्यूज़), UNSC: भारत समेत दुनिया के कई देशों की लंबे समय से चली आ रही मांग के बावजूद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधारों पर कोई कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पा रही है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद गठित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में अभी भी केवल 5 स्थायी सदस्यों (‘अमेरिका’, ‘चीन’, ‘रूस’, ‘फ्रांस’ और ‘ब्रिटेन’) का वर्चस्व है। बदली हुई परिस्थितियों के बावजूद दशकों से भारत की मांगों को नजरअंदाज किया जाता रहा है। एक बार फिर भारत ने संयुक्त राष्ट्र के मंच से ही पांचों स्थायी देशों को कड़ी फटकार लगाई है। भारत ने कहा कि आखिर कब तक 5 स्थायी देश 188 देशों की सामूहिक इच्छा की अनदेखी करते रहेंगे।
संयुक्त राष्ट्र में भारतीय राजदूत रुचिरा कंबोज ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की मांग की है। साथ ही एक बयान में कहा कि आखिर कब तक 5 सदस्य देशों की इच्छा 188 देशों की सामूहिक इच्छा की अनदेखी करती रहेगी। इसे निश्चित रूप से बदलने की जरूरत है। भारत ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में सभी देशों को समान अवसर मिलना चाहिए। कंबोज ने कहा कि ऐतिहासिक रूप से ग्लोबल साउथ के देशों के साथ अन्याय हुआ है और इसे तुरंत ठीक करने की जरूरत है।
"How much longer, the will of 5 members will continue to override the collective will of 188 states, this much change", Indian Envoy to UN Ruchira kamboj @IndiaUNNewYork @ruchirakamboj as she pitches for UNSC reforms. pic.twitter.com/OdCBJcs9Al
— Sidhant Sibal (@sidhant) February 17, 2024
उन्होंने कहा कि UNSC में स्थायी तथा अस्थायी सदस्यों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए तथा इसमें एशिया, अफ्रीका के देशों को शामिल किया जाना चाहिए। कंबोज ने कहा कि ‘भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में व्यापक सुधारों का समर्थन करता है। इसमें स्थाई और अस्थाई सदस्यों की संख्या शामिल है। कंबोज ने सुरक्षा परिषद की कार्यप्रणाली में सुधार की जरूरत पर भी जोर दिया ताकि किसी भी देश के साथ भेदभाव न हो। आपको बता दें कि चीन भारत की स्थायी सदस्यता के दावे का कड़ा विरोध कर रहा है।
भारत कई वर्षों से संयुक्त राष्ट्र की स्थायी सदस्यता का दावा कर रहा है, कई देशों ने इसका समर्थन भी किया है, हालांकि चीन नहीं चाहता कि भारत स्थायी सदस्यों में शामिल हो। चीन एशिया का एकमात्र देश बनना चाहता है जो सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य है। इसी वजह से चीन लगातार अपनी और पाकिस्तान समेत दूसरे देशों के जरिए भारत की राह में रोड़े अटकाता रहता है, लेकिन भारत अपनी लड़ाई के साथ-साथ दूसरों की लड़ाई भी लड़ता है, ये बात भारत की इस बेटी ने सभी देशों को बताई।