India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Delhi: दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के सामने वायु प्रदूषण के मानसिक स्वास्थ्य पर असर के बारे में खुलकर बात की है। उन्होंने बताया कि वायु प्रदूषण के कारण लोगों की मानसिक सेहत पर गंभीर प्रभाव पड़ रहे हैं। इससे लोगों में उदासी, याददाश्त की कमी, और जीवन की चुनौतियों को सामने करने की क्षमता में कमी आ रही है। NGT ने इस मुद्दे को महत्वपूर्ण ठहराते हुए वायु क्वालिटी में गिरावट के मनोवैज्ञानिक पहलू को अच्छी तरह समझने और परखने की मांग की थी।
हम आपको बता दे कि NGT ने दिल्ली सरकार और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) सहित विभिन्न प्राधिकारों से इस मुद्दे पर जवाब मांगा था। NGT के अध्यक्ष ने दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग के जवाब की सराहना की। उन्होंने इस मामले पर ध्यान दिया और स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट की महत्वपूर्णता को बढ़ावा दिया। NGT ने सीपीसीबी के जवाब को ध्यान में रखते हुए कहा कि विभिन्न प्रदूषकों की निगरानी का काम समय पर किया जाए।
वायु प्रदूषण का समस्या ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए बड़ा खतरा बन गया है।अधिकरण ने इस मुद्दे पर सीपीसीबी से जवाब मांगा है। उन्होंने कहा कि कुछ वायु प्रदूषकों जैसे अमोनिया, सीसा, निकल, आर्सेनिक और बेंजो (ए) पाइरीन का नियंत्रण सही ढंग से नहीं हो रहा है। इस मामले पर अगली सुनवाई 10 जुलाई को होगी। यह समस्या गंभीर है और इसे जल्द से जल्द हल किया जाना चाहिए।
Read More: