India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Delhi Metro: इंद्रलोक मेट्रो स्टेशन पर हुई एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद, दिल्ली मेट्रो प्रबंधन ने सुरक्षा को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इस निर्णय के अनुसार, मेट्रो ट्रेनों में एंटी ड्रैग फीचर लगाए जाएंगे। इस फीचर के लगाने से, ट्रेन के दरवाजों में कपड़ों जैसी पतली वस्तुएं फंसने के बावजूद भी, अगर दरवाजा बंद हो जाता है तो ट्रेन नहीं चलेगी। इस नए फीचर को लगाने में 15 महीने का समय लगेगा और इसकी कुल लागत लगभग 3.55 करोड़ रुपये होगी।
दिल्ली मेट्रो के अधिकारियों के अनुसार, यह पहली बार है जब एंटी ड्रैग फीचर को ट्रेनों में लगाया जा रहा है। इसके साथ ही, मौजूदा ट्रेनों में रेट्रोफिटमेंट की भी निविदा जारी की गई है। पायलट योजना के तहत, यह फीचर आठ कोच वाली पांच ट्रेनों में लगाया जाएगा, जिसमें कुल 40 कोच होंगे। यदि प्रयोग सफल हुआ तो इसे आगे भी सभी ट्रेनों में लागू किया जाएगा। वर्तमान में, रेड लाइन (दिलशाद गार्डन से रिठाला) के तीन ट्रेनों और यलो लाइन (गुरुग्राम से समयपुर बादली) पर चलने वाली दो ट्रेनों में यह फीचर लगाया जाएगा।
मेट्रो ने बताया कि एंटी-ड्रैग सिस्टम का उद्देश्य यात्रियों या उनके सामान के बंद दरवाजों के अंदर फंसने के बाद भी चलती ट्रेन में घसीटने से होने वाली चोटों को रोकना है। यह सिस्टम खतरनाक स्थितियों (जैसे कि बेल्ट, कपड़ा, साड़ी, बैग की पट्टियां जैसी वस्तुओं) की पहचान करने में मदद करता है। वर्तमान में, मेट्रो के दरवाजों में 15 एमएम पतला सामान को चिह्नित करके दरवाजा बंद करने से रोकता है, लेकिन एंटी-ड्रैग सिस्टम इससे पतली वस्तुओं की भी पहचान कर सकता है।
दिल्ली मेट्रो रेल निगम अपने पुराने ट्रेनों के कोचों के दरवाजों के सिस्टम का भी नवीनीकरण करेगा। पहले चरण में कुल 72 कोचों के दरवाजों का नवीनीकरण होगा। इसमें उनके सेंसर्स से लेकर डिटेक्टिंग सिस्टम की जांच की जाएगी। इस प्रक्रिया में दो साल का समय लगेगा और कुल 65 लाख रुपये से अधिक की लागत आएगी।
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