India News Delhi ( इंडिया न्यूज), Delhi Traffic Police: दिल्ली के प्रदूषण के मामले में चिंता बढ़ती जा रही हैं। शहर की सड़कों पर चलने वाली गाड़ियां प्रदूषण नियमों का उल्लंघन कर रही है। नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, ट्रैफिक पुलिस ने जनवरी से अप्रैल तक शहर में एक लाख वाहनों के खिलाफ प्रदूषण सर्टिफिकेट के उल्लंघन का नोटिस जारी किया है। यह संख्या पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक है।
प्रदूषण की चपेट में आने वाले इस बढ़ते खतरे को ध्यान में रखते हुए, शहर के प्रदूषण नियमों के पालन में एक्टिव सहयोग की आवश्यकता है। नागरिकों को अपनी जिम्मेदारियों का ख्याल रखने के लिए उत्तेजित किया जाता है, ताकि शहर को प्रदूषण से मुक्त करने के लिए संघर्ष में एकजुट हो सकें।
राजधानी दिल्ली में प्रदूषण के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी है। इस साल के चार महीनों में ट्रैफिक पुलिस ने प्रदूषण सर्टिफिकेट (PUCC) के अभाव में एक लाख से अधिक वाहनों पर चालान किया है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के अनुसार, प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र के उल्लंघन के कुल 101,164 मामले दर्ज किए गए हैं। यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक है। 2023 में जनवरी से 30 अप्रैल के बीच 78,169 चालान किए गए थे, जैसा कि दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों ने बताया।
एक सीनियर अफसर के अनुसार, दिल्ली के प्रमुख ट्रैफिक सर्किलों में हो रही गहरी जांच के बाद पता चला है कि 2024 में सबसे अधिक चालान काटे गए हैं। इनमें करोल बाग, नजफगढ़, द्वारका, मॉडल टाउन, पंजाबी बाग और तिलक नगर जैसे मुख्य सर्किल शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सर्टिफिकेट के नियमों के उल्लंघन की वजह से प्रदूषण से लड़ना शहर के लिए महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से जब वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है।
ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, एक व्यापक जांच के बाद उन्होंने वे क्षेत्र निर्दिष्ट किए हैं, जहां ट्रैफिक नियमों का अधिक उल्लंघन हो रहा है। इन क्षेत्रों की पहचान कर यातायात नियमों का पालन को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किया जा सकता है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के अनुसार, प्रदूषण सर्टिफिकेट (PUCC) नियमों की गाढ़ी निगरानी के माध्यम से, वाहनों के विशेष धुएं को प्रदूषण मानकों तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है।
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि शहरी क्षेत्रों में वाहनों से निकलने वाले धुएं का प्रदूषण के स्तर को कैसे बढ़ा रहे हैं, इसे पहचानना महत्वपूर्ण है। इसीलिए, प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों और प्रदूषण सर्टिफिकेट के बिना चलने वाली गाड़ियों की पहचान की जाए। साथ ही साथ उन पर कार्रवाई भी की जाए।
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