India News Delhi (इंडिया न्यूज), AIIMS Hospital Delhi: दिल्ली एम्स में इलाज के लिए रोजाना हजारों मरीजों की भीड़ लगी रहती है। इस भीड़ को कम करने के लिए और मरीजों की सुविधा को बढ़ाने के उद्देश्य से, AIIMS ने एक स्मार्ट कार्ड का शुभारंभ किया है। यह कार्ड, जो डिजिटल भुगतान और कैशलेस लेन-देन को सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया है, मरीजों को सुविधाजनक विकल्प प्रदान करेगा।
इस स्मार्ट कार्ड का लॉन्च डिजिटल भुगतान के साथ-साथ मरीजों और उनके परिजनों को पैसों का लेन-देन करने में आसानी प्रदान करने का एक प्रयास है। यह कार्ड, साल 2024 की शुरुआत में ही लॉन्च किया गया था। इस कार्ड के लॉन्च के माध्यम से, एम्स ने मरीजों के लिए आधुनिकतम सुविधाएं प्रदान करने का वादा किया है, जिससे मरीजों को इलाज के दौरान किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होगी।
इस नए स्मार्ट कार्ड के लॉन्च के साथ, दिल्ली AIIMS ने मरीजों को सुविधाजनक और सरल भुगतान का संबंधित वादा किया है। यह कार्ड, मरीजों और उनके परिजनों को पांच साल तक वैध रहेगा और इसे बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के बनाया जाएगा। यह कार्ड, डिजिटल भुगतान और पारदर्शिता को प्रोत्साहित करने का एक और कदम है, जो अब मरीजों को उनके इलाज के दौरान परेशानी से बचाएगा।
PIC मीडिया सेल इंचार्ज, डॉ. रीमा दादा, ने बताया कि यह स्मार्ट कार्ड अब बड़ी संख्या में मरीजों को लाभ पहुंचाएगा। इसके माध्यम से, अब मरीजों के परिजनों को किसी भी समय कैश निकालने या यूपीआई के माध्यम से भुगतान करने की जरूरत नहीं होगी। वे एम्स के हर पॉइंट पर इस स्मार्ट कार्ड का उपयोग करके भुगतान कर सकेंगे।
मरीज और उनके परिजनों के लिए इसे बनवाना बहुत सरल है, जहां वे अपनी यूनिक आईडेंटिटी नंबर के माध्यम से अपना कार्ड प्राप्त कर सकते हैं। इसके साथ ही, इसका उपयोग करते समय प्रत्येक लेन-देन पर एक ओटीपी आता है, जो सुरक्षा को और भी मजबूती देता है। एक बार कार्ड में धन जमा करवाने के बाद, लोग अपने इलाज के दौरान इसका उपयोग कर सकते हैं और जब उन्हें कार्ड वापस करना हो, तो काउंटर पर अपना कार्ड जमा करके पैसे वापस ले सकते हैं। इस प्रकार, यह कार्ड अस्पताल के समय की चिंताओं को कम करता है और एक सुविधाजनक विकल्प प्रदान करता है।
यदि किसी मरीज का स्मार्ट कार्ड खो जाता है, तो उसे इस बात की चिंता नहीं करनी चाहिए। इसके पीछे एक सुरक्षात्मक नेट है जो उनकी सुरक्षा को संरक्षित रखता है। स्मार्ट कार्ड का उपयोग करते समय, एक ओटीपी भी मोबाइल नंबर पर भेजा जाता है, जिससे किसी अनधिकृत उपयोग को रोका जा सकता है।
यदि किसी का कार्ड खो जाता है, तो उन्हें इसे अस्पताल को तत्काल सूचित करना चाहिए। अस्पताल उनकी सहायता करेगा और उनके कार्ड में जमा पैसे को वापस करेगा। इस तरह, स्मार्ट कार्ड की खो जाने पर भी किसी भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
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