India News Delhi (इंडिया न्यूज), Delhi Mayor Election: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जेल में होने के कारण पिछले महीने होने वाले मेयर चुनाव को स्थगित कर दिया गया था। अब नई नियुक्ति के लिए विशेषज्ञ मेयर का चुनाव कराने की मांग की जा रही है। इस मामले में नया मेयर चुनाव कराने के लिए न्यूनतम 72 घंटे का नोटिस जारी किया जा सकता है, लेकिन इसमें पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति की भी प्रक्रिया होगी। इस मुद्दे पर अंतिम फैसला एलजी के द्वारा किया जाएगा।
अरविंद केजरीवाल के जेल में होने के बाद, पिछले माह मेयर चुनाव का आयोजन स्थगित हो गया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, सीएम केजरीवाल के बाहर आने के बाद, अब मेयर चुनाव कराने की चर्चा शुरू हो गई है। अभी तक कोई आधिकारिक आदेश नहीं हुआ है, लेकिन निगम के नेताओं और अधिकारियों के बीच इस मुद्दे पर चर्चा जारी है। मेयर चुनाव कराने के लिए मेयर कार्यालय की ओर से निगम अधिकारियों को इसकी तैयारी के लिए मौखिक निर्देश दिए गए हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, सीएम के सुझाव के आधार पर पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति के संबंधी फाइल पर विचार होगा। इसके बाद, एलजी को इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय लेना होगा।
नगर निगम के पूर्व मुख्य विधि अधिकारी अनिल गुप्ता ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, मेयर चुनाव कराने के लिए आवश्यक फाइलों की जाँच होगी। इसके बाद मुख्य सचिव को यह फाइल उनके घर पर भेजनी होगी। सीएम कार्यालय ने वरिष्ठ वकीलों की सलाह ली है, जिनसे उन्हें इस पर हरी झंडी मिली है। विशेषज्ञों के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, सीएम के सुझाव के आधार पर पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति के संबंध में फाइल पर विचार होगा। इसके बाद, एलजी को इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय लेना होगा।
मेयर चुनाव को लेकर दिल्ली सरकार ने एक नया कदम उठाया है। नगर निगम के अधिकारियों को चुनाव के लिए न्यूनतम 72 घंटे का नोटिस देकर बैठक बुलाने की योजना बनाई है। यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत लिया गया है, जिसमें लिखा है कि सीएम को अपने विवेक के अनुसार फाइलों पर हस्ताक्षर करने की अनुमति है, लेकिन उन्हें सचिवालय नहीं जाने की सलाह दी गई है।
निगम के पूर्व मुख्य विधि अधिकारी अनिल गुप्ता ने बताया कि इस प्रक्रिया में पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति की भी प्रक्रिया होनी है। मेयर जब निगम अधिकारियों को इस संबंध में लिखित आदेश देंगी, तो कम से कम 10 दिन के बाद यह प्रक्रिया पूरी हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक, सरकार चाहती है कि यह प्रक्रिया 25 मई के दिल्ली के लोकसभा चुनाव से पहले मुक्त हो, ताकि इसका लाभ लोकसभा चुनाव में लिया जा सके।
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